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क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है |जॉन एलिया | Jaun Elia Best Ishk Shayari

John Elia Shayari In Hindi

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जॉन एलिया बेस्ट शायरी

बे-क़रारी सी बे-क़रारी है 
वस्ल है और फ़िराक़ तारी है 

जो गुज़ारी न जा सकी हम से 
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है 

निघरे क्या हुए कि लोगों पर 
अपना साया भी अब तो भारी है 

बिन तुम्हारे कभी नहीं आई 
क्या मिरी नींद भी तुम्हारी है 

John Elia Love Shayari

आप में कैसे आऊँ मैं तुझ बिन 
साँस जो चल रही है आरी है 

उस से कहियो कि दिल की गलियों में 
रात दिन तेरी इंतिज़ारी है 

हिज्र हो या विसाल हो कुछ हो 
हम हैं और उस की यादगारी है 

इक महक सम्त-ए-दिल से आई थी 
मैं ये समझा तिरी सवारी है 

हादसों का हिसाब है अपना 
वर्ना हर आन सब की बारी है 

ख़ुश रहे तू कि ज़िंदगी अपनी 
उम्र भर की उमीद-वारी है 


जौन एलिया की किताब यानि (yani) से

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