Mohabbat Ke Rang Shayari
मोहब्बत के रंग शायरी
तिल को पाते ही उसे ताड़ बना देते हैं।
रंग में भंग जहां वाले मिला देते हैं।
लोग कुछ यूँ भी हैं दुनिया में जफ़ा कर के जो
रस्म ए उल्फ़त ही ज़माने से उठा देते हैं।
ज़िन्दगी भर के लिए रोग़ लगा देते हैं।
रंग में भंग जहां वाले मिला देते हैं।
लोग कुछ यूँ भी हैं दुनिया में जफ़ा कर के जो
रस्म ए उल्फ़त ही ज़माने से उठा देते हैं।
Nazar Shayari
तीर नज़रों के चला कर ये हुस्न वाले सबज़िन्दगी भर के लिए रोग़ लगा देते हैं।
रंग बदलने पर शायरी ग़ज़ल
वो फरिस्तों से नहीं कम हैं मान कर चलिए
नेकियाँ कर के जो दरिया में बहा देते हैं।
बाँट लेते हैं ख़ुशी साथ में सबके लेकिन
ग़म का हर्गिज़ नहीं दुनिया को पता देते हैं।
बीच रिश्तों के जो दीवार उठायें हीरा
ऐसी बातों को सदा दिल से भुला देते हैं।
हीरालाल यादव हीरा
नेकियाँ कर के जो दरिया में बहा देते हैं।
बाँट लेते हैं ख़ुशी साथ में सबके लेकिन
ग़म का हर्गिज़ नहीं दुनिया को पता देते हैं।
बीच रिश्तों के जो दीवार उठायें हीरा
ऐसी बातों को सदा दिल से भुला देते हैं।
हीरालाल यादव हीरा
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