इश्क मोहब्बत की शायरी-Mohabbat Wali Shayari
मोहब्बत भरी शायरी-Pyar Mohabbat Shayari
GHAZAL
फिर मुहब्बत में दिल लुटाए जा
दोस्ती प्यार की बज़ह बताए जा।
ख़ुद को रख बंदिशों में कहती हूँ,
नेकियों को अपने फिर गिनाए जा
इश्क़ करते है कहते अक्सर है,
बस निभाते नहीं तू निभाए जा।
हिन्द की आन के लिए ख़ुद भी
अपनी तू जान भी लुटाए जाा।
भूल जाना ही जिसकी फ़ितरत है,
उसकी बातों को अब भुलाए जा।
गिरहबन्द मतला पहली मोहब्बत की शायरी
राज उल्फ़त का तू छुपाए जा।
ऐ मेरे यार! मुस्कुराए जा।
आँखों में है नशा तेरे साकी,
यूँ ही नज़रों से तू पिलाए जा।
फिर "विनी"आप सब से कहती है,
प्यार से दिल को तो मनाए जा।
विनीता सिंह "विनी"
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