गरीब माँ शायरी Gharib Maa Shayari In Hindi Font
Maa Shayari | Maa Par Kavita
एक ग़ज़ल
मायूस किसी हाल में होने नहीं देती
माँ बच्चों को भूखा कभी सोने नहीं देती
सरहद की हिफ़ाज़त के लिए ख़ाक वतन की
बन्दूक़ थमाती है खिलौने नहीं देती
फुटपाथ पे दम तोड़ती रहती है ग़रीबी
एक छत भी मयस्सर कभी होने नहीं देती
ये कैसी सियासत है ये कुर्सी की लड़ाई
जो भाई को भी भाई का होने नहीं देती
ख़ामोश हूँ लेकिन मैं समुंदर भी नहीं हूँ
हालात की गर्दिश नदी होने नहीं देती
पलकों के किनारे भी नहीं भीगते "अतिया"
अब दर्द की बारिश हमें रोने नहीं देती
अतिया नूर
प्रयागराज इलाहाबाद
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