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गुड फ्राइडे स्पेशल शायरी विचित्र नवीन कविता ग़ज़ल शायरी Good Friday Special Shayari Poetry

गुड फ्राईडे स्पेशल विचित्र नवीन कविता ग़ज़ल शायरी Good Friday Special Shayari Poetry

Good Friday Special Poetry Photo

Good Friday Special Poetry Photo

" GOOD-FRI-DAY" SPECIAL
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विशेष, विचित्र, नवीन कविता/ ग़ज़ल
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जनाब-ए-राम !, था किरदार-ए-ईसा, साफ़ और शफ़्फ़ाफ़ !!
हैं सब किरदार, ईसा जी के उस किरदार के पीछे !!
ख़ुदा के सब रसूलों, दूतों के किरदार हैं, यारो !,
सुनो !, ईसा पयम्बर के भले किरदार के पीछे !!
सफ़ें बाँधे खड़े होंगे सभी, सरकार के पीछे !?!
मगर सारे नबी हैं, " साहब-ए-किरदार"(ईसा मसीह) के पीछे !!
नबी ईसा कहाँ हैं, अहमद-ए-मुख़्तार के पीछे !?!
" मसीहा" कैसे हो/ रह सकता है, इक सरकार के पीछे !?!
अमानत में ख़्यानत हो नहीं सकती, मुसल्मानो/ मुहम्मद जी/ प्रेमी जी/किरिसचन जी !
की/ के हों जब हज़रत-ए-ईसा, किसी किरदार के पीछे !!
" अमान-व-अम्न की बातें " नहीं होतीं कदूरत में !!
" अमान-व-अम्न की बातें " न कर, तलवार के पीछे !!
मुहब्बत में मुकरना, रूठना, और मान जाना क्या( और क्यों) !?
सजन मेरे!, नहीं इक़रार अब इनकार के पीछे !!
नोट :- इस ग़ज़ल के दीगरशेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे !
इन्कलाबी और बाग़ी कवि :
रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी !
डाक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया !

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