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रख हौसला बुलंद Hausla Buland Shayari हौसला बढ़ाने वाली शायरी

हौसला बढ़ाने वाली शायरी Hausla Shayari संघर्ष हौसला पर शायरी

रख हौसला बुलंद
पल-पल है यहां पर अनजाना,
मुसीबतों का रहेगा आना-जाना।
कभी छांव कभी धूप आयेगी यहां,
यही है इस जिंदगी का अफसाना।

मंजिल भले ही कठिन है,
मगर मुश्किल और नामुमकिन नहीं है।
रख हौसला बुलंद हर पल,
खुदको ही यहां कुछ कर दिखाना है।

जिंदगी दिखाती है रंग नये नये,
मगर परिस्थितियां सबकुछ सिखाती है।
हारकर रूक मत कभी राहों पर,
हार को भी तुम्हें यहां जीत में बदलना है।

उठ जाती है आंधियां तुफ़ान मगर,
वो भी पलभर में खत्म हो जाती है।
हर सफलता मांगती है कठिन परिश्रम,
इसी बात पर तुम्हें यहां गौर करना है।

लड़खड़ाए जब भी कदम तुम्हारे,
खुद ही खुद का सहारा बन जाना है।
अंधेरे से ही निकलती है नई रोशनी,
वही रोशनी एक दिन खुशियों की बहार लेकर आती है।

पल-पल है यहां पर अनजाना,
मुसीबतों का रहेगा यहां आना-जाना।
हार भी एक दिन हार जायेगी तुम से,
उस दिन तुम्हें भी मिलेगा
वो ख्वाबों का आशियाना।

प्रा.गायकवाड विलास.
मिलिंद महाविद्यालय लातूर.
9730661640.
महाराष्ट्र

हौसला बढ़ाने वाली शायरी

हौसला रख मानव
जिंदगी कि जहोज़द से इंसा जो थक जाता
हार जिंदगी से कोई मौत को गले लगाता।।
कोई कुछ को नाकाबिल मान आंसू बहाता
वेदनाओं से भर कोई खुद से लड़ता जाता।।

बहुतों से सांत्वना, हौसला, सलाह है पाता
बताए सबके पद्चिन्हों पर चलता भी जाता
नसीब उसका साथ कभी-कभी न निभाता
बस अपने अभागे नसीब को कोस बताता।।

सीख यही कि हौसला जो बांधता जाता
गिरती चींटी के प्रयासों से जो सीख पाता
आज नहीं तो कल सफलता कि सोच आजमाता
वही दुनिया नसीब कि चुनौतियों से लड़ जाता।।

सफलता सच एक दिन मानव है पाता।।२।।

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