Naqaab Shayari in Hindi - नकाब शायरी हिंदी में
नकाब पर शायरी
हर चेहरा नकाब लगाता है,
रच रच रूप बनाया है
हर चेहरा नकाब लगाता है।
कुछ मजबूरी से,
कुछ सीना जोरी से,
कुछ कुंठाओं से,
रच रच रूप बनाया है,
हर चेहरा नकाब लगाता है।
हंसता चेहरा, रोता मन,
कागज के फूलों से,
खुशबू उड़ाता रहता है,
रच रच रूप बनाया है,
हर चेहरा नकाब लगाता है।
मोटर की सवारी है
सारी जेब खाली है,
सड़कों के मजनूं हैं,
लैंलाओं पर मरते हैं।
रच रच रूप बनाता है,
हर चेहरा नकाब लगाता है।
मुख में राम, बगल में छूरी
ठग की यह विद्या न्यारी,
नियति बनी विडंबना,
हाथ पांव फटकारा है,
ढेला एक न पाता है।
रच रच रूप बनाता है,
हर चेहरा नकाब लगाता है।
(स्वरचित)
------ डॉ सुमन मेहरोत्रा, मुजफ्फरपुर बिहार
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