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Good Morning Shayari गुड मॉर्निंग दोस्ती शायरी गुड मॉर्निंग अच्छी शायरी

Good Morning Shayari in Hindi

भयभीत मौसम को पनाह चाहिए

Bhaibheet Mausam Ko Panaah Chahie

सुप्रभात

 Good morning

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भय की नदी उमड़ पड़ी है जरा तैराकी सीख लेना
कहीं तोड़ न दे क्रोध के तटबंधों को देख लेना
मौसमी गर्मी बादल पैदा करता है फिर बारिश
बचा लो अपने जमीर की खेती सलिल से सीख लेना!
लता प्रासर

शारदीय सुप्रभात

Winter morning

कोई बादलों की ओर झांकता है
मैं जमीन तजवीजती रहती हूं
कोई मौसम के आसार देखता है
मैं मिट्टी की नमी को महसूसती हूं
कोई जिंदगी देखकर लिखता है
मैं भावनाओं को सहेजती रहती हूं
कितने शब्द गमों के पैबंद भरता हैं
मैं गमगीन हृदय में सुगंध भरती हूं
लिखते और भी हैं लिखती मैं भी हूं
वो दुख को सहेजते हैं मैं उड़ा देती हूं!
लता प्रासर

प्रकृति की तपिश मुबारक

Prakriti Ki Tapish Mubarak

शारदीय सुप्रभात

Cold Morning

कहीं आग लगी
कहीं धुंआ उठा
किसी का भविष्य जला
वर्तमान मूक है
भूत प्रसन्न
आग तूने क्या किया
जंगल जंगल फिर
घर घर विचरण
आग उस गली जाना
जहां पानी की जरुरत है
कहीं तन जला
कहीं मन जला
कहीं वन जला
जल रहा शर्म हया!
लता प्रासर

 चुनने की आजादी का स्वागत

शारदीय नमस्कार

 Winter Good Morning

जो भी लिखा जैसा भी लिखा जिसके लिए लिखा
पढ़ने वालों को शुक्रिया कि आपने शिद्दत से उत्तर लिखा
गुनगुनाहटें सरसराहटें और सबकी आहटें समेटती रही
आगे भी मिलता रहे मेरी लेखनी पर आपका लिखा!
लता प्रासर

अलविदा चित्रा नक्षत्र

शारदीय नमस्कार

It's Very Very Cold Today

स्याह बादल खेल रहा सूरज संग आंख मिचौली
कुछ दूल्हा बनकर घूम रहे सर पर बांधे मौली
किसका स्वागत होगा किसकी होगी विदाई
दिन गिन रहे मिलकर वो पाने को राजनीति की पौली!
लता प्रासर

 चुन लें मन रे मानवता को

Please Select Humanity

शारदीय नमस्कार
अनजाने भूल गर हो जाता है
तब इंसान बहुत पछताता है
जानबूझकर गलती करनेवाला
उसे मानवीय भूल बतलाता है
जो मानवीय भूल बतलाता है
वह खुद से खूब घबराता है
हंस ले चाहे उपर से जितना
वह और कई भूल कर जाता है!
लता प्रासर

स्वाति नक्षत्र का स्वागत

शारदीय प्रणाम

Winter Namaskar

भीतर अपने ढूंढ रही थी
परतें अच्छाई और बुराई की
पल दो पल मंहगा कितना
वर्षों बरस रहा सस्ता जितना
रंग बदलता रूप बदलता
कुछ भेदभाव सच्चाई की
मन मारे मीत प्रीत रे
तन मारे नीर पीर गीत रे
अंखियां बोली अंखियन से
किस किस से काहे लजाई रे
पल पकड़ चल किसी भलाई की!
लता प्रासर

 समझ-बूझ संग करें चुनाव

Selection with wisdom

आसिन की झुरझुरी मुबारक
कलम की पीर
आंखों की नीर
बदन का चीर
मानवता को
सहेजता है
क्या सच है?
लता प्रासर

 चुनना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।नैतिकता ही सही ग़लत का चुनाव कर सकती हैं

आसिन की झुरझुराती सुबह का 
स्वागत

Welcome Of Morning

कब तक आप हमें नजर-अंदाज करते रहेंगे
आपका हर अंदाज हम यूं ही सहते रहेंगे
वक्त आता है एक दिन सबका मेरा भी आएगा
इसी लिहाज से वक्त के साथ बहते रहेंगे!
लता प्रासर

 आसिन मासी प्रणाम

Namaskar Pranam

सर्द हवाओं संग गर्मजोशी की बात करते हैं
साहसी बनते हैं सरगोशी की बात करते हैं
हाल ही में मोहब्बत की ताजपोशी हुई है
लोग अभी से एहसान फरामोशी की बात करते हैं!
लता प्रासर
LATA PRAASAR
Patna

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