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मौत शायरी 2 लाइन मौत पर स्टेटस मौत का मंजर शायरी नाउम्मीदी शायरी ग़ज़ल

Maut Shayari मौत शायरी

मौत शायरी 2 लाइन मौत पर स्टेटस मौत का मंजर शायरी नाउम्मीदी शायरी ग़ज़ल

मौत शायरी 2 लाइन मौत पर स्टेटस मौत का मंजर शायरी 

शायर-ए-दिल, जनाब-ए-जिगर
आप को क्यो भुलायेंगे हम

अब न होगा किसी का विकास
सिर्फ मन्दिर बनायेंगे हम

खूब मसजिद बनाओगे तुम
खूब मन्दिर बनायेंगे हम

आदमी है सभी, हाँ !, मगर
सब को इनसां बनायेंगे हम

तुम से अब रूठ कर किस लिए 
गंगा उलटी बसायेंगे हम

इब्न-ए-आदम है सब,हाँ, मगर 
सब को इनसां बनायेंगे हम

दैर से होगा किस का विकास
काहे मन्दिर बनायेंगे हम

इब्न-ए-आदम है सब  आदमी
इन को इनसां बनायेंगे हम

है अजल आज सर पर खड़ी
जीस्त से छूट जायेंगे हम

मौत का मंजर शायरी

मौत ले जा रही है हमें 
जा के क्या लौट आयेंगे हम

फिर से संगीत गूँजेगा आज
फिर तराना सुनायेंगे हम

गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा  फिर कभी भी तहरीर करेंगे हम !

डॉकटर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी,
 डॉकटर इनसान प्रेमनगरी हाऊस,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची -  834001


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