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दो प्रेमी हिज्र के कैदी हैं हसरत हर जगह है|dard bhari shayari in hindi

दर्द भरी शायरी इन हिन्दी

ग़मगीन ग़ज़ल

Dard Bhari Shayari In Hindi

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दो प्रेमी हिज्र के कैदी हैं, हसरत हर जगह है
आज गम की धूप में तपती मुहब्बत हर जगह है

कातिबे-तक्दीर का लिक्खा बदल सकता नहीं अब
हाथ की रेखा की चर्चा, जिक्रे-किस्मत हर जगह है

वो जमाना आयेगा जब,शाद होगा इश्क, या रब!
हाँ,अभी तो इन्तजार-ए-इक कयामत हर जगह है

दैर,मस्जिद,चर्च,भी यारो,नहीं बच पाये हैं अब
गुफ्तगू-ए-दुन्यवी,यानी सियासत हर जगह है

लोग कहते हैं,बदल सकता नहीं,किस्मत का लिक्खा
राम की लिखी हुई किस्मत की शोहरत हर जगह है

हम तो दिल से मानते हैं राम की वहदानियत को
ऐ खुदा-ए-दिल,अयान् तेरी हकीकत हर जगह है

दिल के सूरज को निगल ही तो गया है राखछस वह
रौशनी बिलकुल नहीं है,देखो,जुल्मत हर जगह है

नोट:राखछस को उर्दू और हिन्दी में भी राक्षस,राक्शस,वगैरा भी बोला और लिखा जाता है

आप कहते हैं,नहीं अब तो बदल सकता ये लिखा
भाग्य की रेखा की चर्चा, जिक्रे-किस्मत हर जगह है

शायरी भी पुरकशिश है और रदीफो-काफिये भी
इक सुखनवर मीर की ग़ज़लों की शोहरत हर जगह है

हजरत-ए-जावेद की नज्मों की शोहरत हर जगह है
फैज अशरफ़ कैस की गजलों की शोहरत हर जगह है

ये गजल भी मुन्फरिद है,फिक्रो-फन भी पुरकशिश हैं
और शायर दास के दोहों की शोहरत हर जगह है

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कुछ प्रेमी हिज्र के मारे हैं, हसरत हर जगह है
फिर भी उश्शाक-ए-सनम हैं सब,मुहब्बत हर जगह है

कुछ प्रेमी बन्द हैं जेलों में, हसरत हर जगह है
फिर भी सरशार-ए-वफा हैं सब,मुहब्बत हर जगह है

हर जगह दर्द-ए-जुदाई है, कि हसरत हर जगह है
फिर भी कुछ तो हौसले वाली मुहब्बत हर जगह है

दो प्रेमी जेल के कैदी हैं, चाहत उस जगह है
हमने माना,दर्द है, ग़म है, कि हसरत उस जगह है

इक परिन्दा मार सकता ही नहीं है पर,अजीजो!
फिर भी अज-हद हौसले वाली मुहब्बत उस जगह है

नोट  : इस तवील गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे!
शायर  : डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी,
 द्वारा डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001

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