Best Love Shayari
गजल
सच्चा इश्क़ शायरी
खूबसूरत ये मुहब्बत का सफर लगता है
मेरे अल्लाह की रहमत का असर लगता है
मेरे अल्लाह की रहमत का असर लगता है
उनके हाथों की लकीरें भी यही कहती हैं
उनकी किस्मत में है चाहत का सफर,लगता है
संगे-मरमर से तराशा हुवा शफ्फाफ बदन
ये किसी आजर-आला का हुनर लगता है
रोमांटिक शायरी फॉर गर्लफ्रैंड
ऐ सनम बाग-ए-मुहब्बत में है खुश्बू-ए-गम
ग़म में है कितना मजा ग़म गुल-ए-तर लगता है
ग़म में है कितना मजा ग़म गुल-ए-तर लगता है
तू मेरे साथ सितारों से गुजर जायेगी!
ये सफर सच्ची मुहब्बत का सफर लगता है
फूल से जिस्म को उसके, खा गये फिरो-गम
अपने ही हाल से वो तो बे-खबर लगता है
जान-ए-जानाँ! मैं अजल से इसी में रहता हूँ
दिल तेरा,दिल नहीं दिलबर,मेरा घर लगता है
अपने भी बन गए हैं दुश्मन-ए-जानी, रामा
आज अपनों से भी मिलते हुए डर लगता है
फूल और उस पे कभी फल कोई लगता ही नहीं
पेड़ ये आरजू का बस बे-समर लगता है
आदमी इल्म-व-हुनर कर रहा है हासिल अब
इस जमाने का बशर अहल-ए-हुनर लगता है
जिन्दगी बोझ है सर पर मेरे, दिल पर मेरे
बोझ तन पर मेरे, ऐ जान-ए-जिगर,लगता है
संगे-मरमर से तराशे हुए शफ्फाफ बदन
ये कयी संग तराशो का हुनर लगता है
खूबसूरत है किसी का ये सनम ऐ हमदम
ये किसी अच्छे हुनर-वर का हुनर लगता है
जिन्दगी का पन्छि किस तरह उड़ेगा ऐ रामा
जिन्दगी का पन्छि बे-बाल-व-पर लगता है
शायर : डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी गढी 'रामा'
द्वारा डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001
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