Good Morning Shayari
कार्तिकी प्रणाम
GOOD MORNING
खुली आंख है लेकिन उससे देता नहीं दिखाय
❤️❤️❤️
अंधें मौज में देख रहें हैं बहरा भी सजग सुभाग
कैसी नीति रीति बीच हम हैं मन को रहा सुलाय!
लता प्रासर
🌅शरद की गुनगुनी धूप का स्वागत🌅
शारदीय सुप्रभात
Good Morning Love Shayari
मेरी बस्ती में तेरा ठिकाना होता
मेरी हस्ती में तेरा फ़साना होता
🌋🌋🌋
भुलाकर खुद को खोई हूं क्यों
मेरी मस्ती में तेरा तराना होता!
लता प्रासर
स्वाति की बूंदों का स्वागत
⛈️⛅☁️
सुप्रभात
कतकी सुप्रभात
प्रेम की मोती सी ओस की बूंदें गिरती हैं
हरियाली से लिपट लिपटकर गीत लिखती है
🌧️
गुनगुना धूप समाकर उसमें अपनी ओर खींचें
प्रेम विरह के इस पल में दुनिया की आंखें खुलतीं हैं!
लता प्रासर
जिंदगी में मौसम आहिस्ते से रंग बदल रहा है
कतकी सुप्रभात
मैं जनता हूं
काम धंधा कुछ करना चाहूं
आवागमन को राह निहारूं
मैं जनता हूं
मैं जनता हूं
उनकी बातें कहां समझता हूं
तन मन धन से मरता हूं
मैं जनता हूं
मैं जनता हूं!
लता प्रासर
Good Morning Shayari In Hindi
नई फसलों की खुशबू आप तक पहुंचे
खेत में खड़ी पड़ी धान की बालियां
हौले से इशारा करती है आ जाओ
सुबह-सुबह ढेर सारे ओस की बूंदें
समेटकर रखती हूं तुम्हारे लिए
इसकी शीतलता में तुम खो जाओ
हवा अलखेलियां करती हुई आईं
और धान की बालियों से कहा
तुम्हारे सहेजें शीतलता लेकर
मैं लोगों तक हौले हौले पहुंचाऊंगी
धान तेरे किस्से सबको सुनाऊंगी
सरसराती हुई पत्तियों को छेड़ती
हवा गुनगुनाती जाओ जाओ
धान पहले खलिहान फिर घर जाओ!
लता प्रासर
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