याद की ख़ुशबू शायरी | Yaden Shayari
Yaad Romantic Shayari
गुलों को जब किताबों के कभी सफ़हात में रखना
हमारी याद की ख़ुशबू सभी हालात में रखना।
बहारों में भी क्यूँ कुछ फूल मुरझाए से रहते हैं
सुलगते इन सवालों को भरी बरसात में रखना।
अगर ग़ैरों को भी अपना बनाना हो तो ऐ लोगों
लबों पर मुस्कुराहट और नरमी बात में रखना।
किसी भटके मुसाफ़िर को दिखा दे रास्ता शायद
दिये सुनसान राहों में जलाकर रात में रखना।
कोई हसरत न कुछ चाहत तो फिर किस वास्ते ऐ दिल
ख़ुद अपने आप को पहलूए इल्ज़ामात में रखना।
सुख़न को सिर्फ़ हुस्नो इश्क़ तक महदूद करना मत
ग़मे दौरां का अतिया ज़िक्र भी नग़मात में रखना।
अतिया नूर
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