बेवफ़ाई में रंग बदलने की शायरी
प्यार में धोखा शायरी
क़तरा और समंदर पर शायरी
जब बह चला तो क़तरा समंदर का हो गया
आँखों में ठहरा अश्क तो पत्थर का हो गया।
सितमगर शायरी
पूजा उसे तो देवता ख़ुद को समझ लिया
फिर रँग दूसरा ही सितमगर का हो गया।
ख़ंजर शायरी
उसने हरेक बात कही यूँ तराशकर
जैसे असर ज़ुबान में ख़ंजर का हो गया।
मुक़द्दर शायरी
चादर अना की हमने तो ओढ़ी थी दो घड़ी
फिर कैसे फ़ासला ये मुक़द्दर का हो गया।
खिलौनों और माँ शायरी
बच्चे को माँ खिलौनों में ही ढूँढती रही
और बच्चा क़द में माँ के बराबर का हो गया।
सिकंदर पर शेर
दौलत थी बेशुमार मगर आलमे-नज़ा
दुनिया से हाथ ख़ाली सिकंदर का हो गया।
दिल पर चोट लगने की शायरी
खा-खा के चोट हम तो निखरते चले गए
अतिया हमारा दिल तो सुख़नवर का हो गया।
अतिया नूर
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