Antarwasnna Meri Badh Gayi
Poltics Bewafa Ho Gayi
Jhantu shayari Jo Humne Likhi
Khamosh Dilruba Ho Gayi
Khamoshi Mein Boli Na Kuch
Hum Pe Wo Meherban Ho Gayi
Ram Ji Ki Kripa Ho Gayi
Jhantu Shayari Bhi Best Ho Gayi
Poltics Bewafa Ho Gayi
Jhantu shayari Jo Humne Likhi
Khamosh Dilruba Ho Gayi
Khamoshi Mein Boli Na Kuch
Hum Pe Wo Meherban Ho Gayi
Ram Ji Ki Kripa Ho Gayi
Jhantu Shayari Bhi Best Ho Gayi
Antarwasnna Poem Shayari Hindi
Shayari in Roman English
Khamoshi Shayari
जदीद गजल/ गजलनुमा/ आजाद गजल
क्या से क्या लड़कियाँ हो गयी
मेरी जां गोरिया हो गयी
हाँ, जवानी के आने से, यार
गोरिया,चन्द्रमा हो गयी
अपने साजन से बोली,मधू ( बाला)
मैं तेरी साजना हो गयी
मय पिलाती हैं ये नज़रों से
"साथिया" साकिया" हो गयी
हम गुनाहगार हैं,ऐ सखी ?
तू बड़ी पार्सा हो गयी ?
मेरे भैया का है ये कमाल
हाम्ला,"भाभियां" हो गयीं
बच्चा पैदा हुआ"नार्मल ( NORMAL)
"राम जी" की कृपा हो गयी
दूध उतर आया थन में तेरी
थन तेरी,"दूधिया" हो गयी
करती रहती है" रोजा-नमाज"
वह बड़ी पार्सा हो गयी
हैं"शहाना" व"मुखतार" खुश
पैदा अब" रोजिया" हो गयी
हैं "शहाना"-व-मुखतार" शाद / खुश
पैदा अब" सादिया" हो गयी
हैं "शहाना"-व-"मुखतार" खुश
पैदा अब "आलिया" हो गयी
"रूहिया" सेवा करती रही
पर अदू"रूहिया" हो गयी
वह भतीजी भी काम आई थी
वह "समन"क्या थी, क्या हो गयी
हाँ भतीजी भी काम आती है
पर कोई क्या से क्या हो गयी
पार्टी का उड़ा है मजाक!
"पप्पू-मा" सोनिया" हो गयी
दोस्तो ये" मदर टेरेसा"
अब" मदर-इन्डिया" हो गयी
डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी,
Political Shayari
झूठकी इन्तहा होगयी ?
"इन्तहा" मोदिया" हो गयी ?
मात्र-भूमि मेरी" हिन्द" है
भूमि ये, क्या से क्या हो गयी ?
मात्र-भूमि मेरी, सोने की चिड़िया थी
मात्र-भूमि मेरी, क्या से क्या हो गयी ?
भक्तो" सरयू - नदी" पापी है
ये नदी "आस्था" हो गयी हो गयी ?
"राम जी" का उड़ा है मजाक ?
अब अजब" आस्था" हो गयी
Jhantu Shayari
जदीद गजल/गजलनुमा/आजाद गजल
"मीडिया","मोदिया"हो गयी?
जनता भी चूतिया हो गयी ?
"मोदी" ने गोद ले ली उसे
"मीडिया"," मोदिया" हो गयी
आ गयी झांसे में नेता के ?
जनता भी चूतिया हो गयी ?
मिल गयी यास-व-महरूमी क्यो?
"आसिया"," यासिया" हो गयी ?
शर्म को शर्म आने लगी ?
बेहयाई," हया"हो गयी ?
भूख को भूख लगने लगी ?
भूख भी इश्तहा हो गयी ?
मौत को मौत आने लगे ?
मौत भी क्या से क्या हो गयी ?
क्या कहा ?, आप ने, आप की
जान इक बेसवा हो गयी ?
शेख साहब के दिल के करीब,
शहर की बेसवा हो गयी ?
आ गयी जब से झांसे में रोटी के ये!
शेरदिल थी, मगर कुतिया हो गयी
नोट : इस जदीद रंगीन फहश लेकिन सच्ची गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे
द्वारा डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल, डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001
डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी,
द्वारा डॉक्टर रामचन्द्र दास प्रेमी राज चंडीगढ़ी,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची- 834001
MOB.PH.NO: 6201728863
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