Sacha Pyar Kya Hota Hai Shayari-प्यार शायरी
Mohabbat Wali Shayari-सच्चा प्यार शायरी
ग़ज़ल
जाना राहे-दिल से हट कर गुमरही क्या चीज़ है
बे सरो-पाई है क्या और बे घरी क्या चीज़ है
बे सरो-पाई है क्या और बे घरी क्या चीज़ है
प्यार रब की बन्दगी है प्यार रब की है रज़ा
प्यार से बढ़ कर जहां में दूसरी क्या चीज़ है
ख़ुश्क होठों पर ये रखते हैं तराने प्यार के
आशिक़ों से पूछ लो दीवानगी क्या चीज़ है
छेड़ भर उनको दिया ओ हो गया चेहरा गुलाल
खुल गया मुझ पर उभरती रौशनी क्या चीज़ है
प्यार शायरी स्टेटस
उलझी उलझी रहती हूँ उसके ख़यालो-ख़्वाब में
और नहीं हूँ जानती के बे ख़ुदी क्या चीज़ है
और नहीं हूँ जानती के बे ख़ुदी क्या चीज़ है
काश रब हम को भी उन के जैसी दे देता कशिश
हुस्न वालों को बताते तश्नगी क्या चीज़ है
आप ने जब हिज्र बख़्शा तब ये जाना "नाज़" ने
कर्बो-ग़म कहते हैं किस को बेकली क्या चीज़ है
ममता गुप्ता "नाज़"
ममता गुप्ता "नाज़"
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