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बेईमान टीचर शायरी | भ्रष्ट शिक्षक पर कविता Poem On Corrupt Teacher

भ्रष्ट और लालची शिक्षक पर कविता | लालची टीचर शायरी Teacher Shayari

अल्लाह का अदा करो तुम शुक्र, टीचरो
नयीऔर विचित्र कविता
जदीद-व-मुन्फ़रिद उम्दा-व-तुर्फ़ा नज़्म
अल्लाह का अदा करो तुम शुक्र, टीचरो!
घर-घर से रोज़-व-शब की ग़िज़ा माँगते हो क्यों!?
रहते हो तुम भी भाट-फ़क़ीरों के जैसे क्यों!?
अल्लाह जितना दे, उसी पर सब्र तुम करो!!
रिज़्क़-ए-हलाल खाओ-कमाओ भी, टीचरो!!
रिज़्क़-ए-हराम खाना-कमाना ग़लत़ ही है!!
घर-घर टिफिन ये भेज के मँगवाओ मत ग़िज़ा!!
क्यों खाते हो ये भाट-फ़क़ीरों के जैसे तुम ?!
यारो!, ख़ुदा-ए-पाक तो सब देखता ही है!!
ऐसी हराम-ख़ोरी तो अब छोड़ो, टीचरो!!
नोट :- इस तवील और मुन्फरिद मन्ज़ूम तख़्लीक़ के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे,इन्शा-अल्लाह-व-ईश्वर!!
शायर :- डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी,
द्वारा,डॉक्टरराम-दासप्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर राज चंडीगढ़ी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम,राँची-हिल साईड,इमामबाड़ा रोड,राँची-834001,झारखण्ड,इन्डिया!
जदीद-व-मुन्फरिद तन्ज़िया-व-मज़ाहिया कलाम/ हज़ल
बेईमान टीचर शायरी | भ्रष्ट शिक्षक पर कविता Poem On Corrupt Teacher

लालची टीचर मक्कार शिक्षक शायरी Corrupt Teacher Shayari

" जब्बार मास्टर " कभी भी लालची न थे!
 "क़िब्ला ग़नी " ने खाया हमेशा हलाल का!!
माशूक़ मास्टर भी ग़ज़ा/ ग़िज़ा माँगते रहे!?
फ़ारूक़ मास्टर भी तो खाए हराम का!?
अब ऐसे टीचरों से बचाए, ख़ुदा-ए-पाक!!
स्कूल चल रहा है यहाँ सिर्फ़ नाम का!?
दोपहर और रात को ख़ाली कई टिफिन,
घर-घर जो भेजते रहे फ़ारूक़ मास्टर!?
लोगों से भात-दाल की फ़रमाइशें अबस/ हैं क्यों!? 
टीचर हुए हैं भाट-फ़क़ीर आज-कल अगर!!
क्यों ऐसे टीचरों से कोई ट्यूशन पढे!?
और पढवाए!?
नोट :- इस तवील और मुन्फरिद मन्ज़ूम तख़्लीक़ केदीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह-व-ईश्वर!!
सच्चा लेखक-व-कवि :- डॉक्टर इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर रामदास प्रेमी राजकुमार जानी दिलीपकुमार कपूर राज चंडीगढ़ी,डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी मंजिल,डॉक्टर खदीजा नरसिंग होम,राँची-हिल साईड, इमामबाड़ा रोड,राँची-834001,झारखण्ड,इन्डिया
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