होली पर शायरी हिंदी में Holi shayari in Hindi होली पर ग़ज़ल
ग़ज़ल
अबके त्योहार यूँ होली का मनाया जाए
दिल से नफ़रत का हरिक रँग मिटाया जाए।
अम्न का फूल फ़ज़ाओं में खिलाया जाए
उजड़े गुलशन को दुबारा से सजाया जाए।
होलिका बाद में शोलों में जलेगी पहले
अपने अंदर की बुराई को जलाया जाए।
दोस्तों को तो गले सब हैं लगाते लेकिन
दुश्मनों से भी कभी हाथ मिलाया जाए।
भूक से रोते ये बच्चे ये बिलखती माएं
इनका हक़ भी तो, ज़माने से दिलाया जाए।
ज़ुल्म की आँखों से बहने लगे आँसू "अतिया"
वाक़्या ऐसा कोई उसको सुनाया जाए।
अतिया नूर
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