सुपर हिट लव शायरी Love Shayari Best Romantic Shayari In Hindi
मुक्तक- आपका गुलाम
वक्त बेवक्त पर याद तुम आओ मगर आया करो।
दिल ओ दिमाग पर मेरे राज अपना चलाया करो।
वैसे आजकल चलती कहा मेरी आपके सामने।
गुलाम हूं मै बस ऐसे ही खूब नाच नचाया करो।
श्याम कुंवर भारती
मुक्तक - प्यार कि वर्षा : सुपरहिट प्यार शायरी Superhit Love Shayari
भले ही प्रेम दिवस आज हो आया तू तो पहले से मेरे दिल को है भाया।
सुना चुका हूं हाल ए दिल तुझको पर तूने नहीं अबतक है मुझको सुनाया।
हालांकि पुकारा था तुमने भी मुझे जैसे कोयल ने प्यार से पुकारा हो।
काफी है तेरा मेरा नाम लेना जैसे उमड़ घुमड़ वर्षा ने प्यार है बरसाया।
श्याम कुंवर भारती
सुपरहिट लव शायरी जिद्दी प्यार
मुक्तक - जिद्दी प्यार
टूटकर चाहा जिसने साथ उसका नहीं निभाया तुमने।
होठों हंसी दिया जिसने दिल उसका ही दुखाया तुमने।
माना हंसी ओ जवां हो मगर जिद्दी भी तुम कम नहीं ।
देकर दर्द मुस्कुराए सदा घावो न मरहम लगाया तुमने।
श्याम कुंवर भारती
सजल - तूही मेरी जन्नत : सुपरहिट प्यार शायरी Superhit Love Shayari
सह सकता हूं हर जुल्म तेरा बेरुखी तेरी सह नहीं सकता।
मिल भी जाए मुझे जन्नत मगर तेरे बगैर मै रह नहीं सकता।
मालूम नहीं था मुझे तेरी ये दिल लगी या तेरी दिल्लगी है।
ढाया जुल्म जितना तूने मुझ पर मै किसी से कह नहीं सकता।
समझ न पाया तेरा मेरे दिल से खेलना कभी तू खेला किया।
मै कोई पत्थर नहीं जो गम के आंसुओ में बह नहीं सकता।
करता हूं हर कोशिश भूल जाऊं तुझको मै तेरी तरह।
मगर जैसा तेरा दिल है दिल मेरा वैसा हो नहीं सकता।
जब दूरियां ही बढ़ानी थी करीब आने की जरूरी क्या थी।
याद करके गुजरे लम्हे मै रो लूं मगर मै रो नहीं सकता।
श्याम कुंवर भारती।
बोकारो झारखण्ड
मुक्तक - तेरी खुशबू
तू जहा भी रहे खुशबू तेरी फिंजां मे महकी महकी है।
मौसम है आशिकाना मदहोश अदाए बहकी बहकी है।
इश्क में मिलना जरूरी नहीं किसी सांसों समा जाना ।
तू पास नहीं हंसी की चहक चूड़ियां खनकी खनकी है।
श्याम कुंवर भारती
सुपर लव शायरी हिंदी 2 Line Super Love Shayari in Hindi
मुक्तक - उनका गुमान
ये दोस्त ले चल मुझे जिधर राहे मेरे यार कांटेदार पड़े है।
कैसे मिलूं उनसे उनकी बेरुखी खामोशी पहरेदार खड़े है।
फिदा हुआ था जिस मासूमियत पर दिखती नहीं आजकल।
गुमान उनका आपकी क्या जरूरत आशिक हजारे खड़े है।
श्याम कुंवर भारती
Best Romantic Shayari In Hindi
मन का फेर था जो मन अधीर गया।
जिसे उठाया था मैंने, वह गिर गया।।
वह तड़पे न मुहब्बत में हमारी सनम।
आँखों से बहता नदी का नीर गया।।
कृष्णा
जानी दुश्मन बनकर अब मोहब्बत में जिया जाए।
चाहे क्यों न मीरा के जहर को याद किया जाए।।
सब पापड़ बेले हमने प्रेम के नाम के।
अब सनम के न रहे हम किसी काम के।
मेरी मोहब्बत तो जल कर कलेजे में राख हो गई।
निंद्रासन से जगी नही प्रेम कहानी फिर से सो गई।
अब न जगायेंगे प्यार में उन्हें,
न भागने की नोबत आयेगी।
स्वछंद विचरण करें मैदान में,
न बुलाने की नोबत आयेगी।
सुपर हिट लव शायरी Love Shayari
ना मुझको तुम सही समझी,
ना तुमको मै सही समझा
फरियादें ना समझ कर के,
दिल भी अनकही समझा
विवादों में उलझ कर रह
गया यूं प्यार का किस्सा
कभी तो तुम नही समझी,
कभी फिर मै नही समझा
!!राघवेंद्र!!
Love Shayari In Hindi Font Shayari Font
अश्क भी पीना मुश्किल होता,
ज़हर भी खाना मुश्किल होता
खुद को मनाना मुश्किल होता,
खुद को समझाना मुश्किल होता
आंखों को वो ही है जचता
जो किस्मत से बाहर है
मोहब्बत भी उनसे ही होती,
जिनको पाना मुश्किल होता
!!राघवेंद्र!!
डर नहीं, मोहब्ब्तमें Love Shayari
डर नहीं, मोहब्ब्त को सरयाम कर दिया।
फिक्र नहीं, सोहबत का इंतजाम कर लिया।
ऐलान कर दिया के, आप हैं खासमखास,
मोख्तार बना आप को, सब नावें कर दिया।।
के० के०
Love Shayari Best Romantic Shayari
मेरी हर बात का बुरा माना
मैंने अपना जिसे खुदा माना
वो मिरी शख़्सियत का हिस्सा है
उसने ख़ुद को है क्यों जुदा माना
इस लिए ज़हर को निगल पाई
दर्द को उसने जब दवा माना
‘वो है ज़िद्दी, वो कैसे मानेगी’
झूठ साबित भी कर दिया, माना
जितनी पाबंदियां लगालो जी
मैंने ख़ुद को सदा रिहा माना
अपनी मनवा ही लेता है ये मन
कब किसी का कहा सुना माना
उसकी संजीदगी थी पोशीदा
जिसको ‘देवी’ था मनचला माना
देवी नागरानी
Super Hit Love Shayari Hindi
Ghazal
लगता मुझको अपना तू है
मेरे दिल का हुजरा तू है
मैं हूँ रहता, बसता तू है
मुझमें बैठा मुझसा तू है
देर तलक मैं जागा था कल
आज अभी तक सोया तू है
कोलाहल के सन्नाटों में
मैं हूँ कहता, सुनता तू है
मैं हूँ सहरा प्यासी प्यासी
प्यास बुझाता दरिया तू है
तू क़ुदरत में, क़ुदरत तुझमें
सच तो यह है, तू ही तू है
ऐसे कैसे कह दूँ ‘देवी’
या तो मैं हूँ, या फिर तू है
देवी नागरानी
Love Shayari Best Romantic Shayari
दिन बुरे हैं मगर ख़राब नहीं
इनको जीना कोई अज़ाब नहीं
जो सिखाती ग़ज़ल मुझे हर पल
कैसे कह दूँ वो लाजवाब नहीं।
चढ़के उतरे नशा जो पल भर में
ऐसी कोई यहाँ शराब नहीं
सोचकर, पूछकर करेंगे ‘हाँ’
फ़ैसला होगा यूँ जनाब नहीं
‘आओ बैठो जनाब’ कहता था
अब वो देता कोई जवाब नहीं
पूछता कौन किसको आज यहाँ
जेब में नोट गर जनाब नहीं
कहता खुद को मगर हक़ीक़त में
वो तो पैदाइशी नवाब नहीं
सीख देती है ज़िंदगी सबको
फिर भी हर कोई कामयाब नहीं
‘जीना मरना है झूठ सच’ माना
ये हक़ीक़त है कोई ख़्वाब नहीं
ज़िंदगी ज़िंदगी है बस ‘देवी’
इसको माना कभी हुबाब नहीं
देवी नागरानी
Best Romantic Shayari
गजल
छू गई मुझको ये हवा जैसे
फूल के होंठ ने छुआ जैसे
उससे कुछ इस तरह हुआ मिलना
मिलके कोई बिछड़ रहा जैसे
मैं भरे से जहां में तन्हा थी
उन सितारों में चाँद था जैसे
जिस सहारे में पुख़्तगी ढूंढी
था वही रेत पर खड़ा जैसे
उस तरह मैं कभी न जी पाई
जिंदगी ने मुझे जिया जैसे
मैं उसे तो कभी न जी पाई
जिंदगी ने मुझे जिया जैसे
देवी नागरानी
सुपर हिट लव शायरी Love Shayari Best Romantic Shayari In Hindi
ग़ज़ल
दहशत फैली सड़कों पर
सैर को निकला है क्या डर
ग़फलत का ख़मयाजा है
तलवारों के नीचे सर
आँखों में कुछ ख़्वाब तो हों
सहमी-सहमी शामो-सहर
अब ख़तरों का खौफ किसे
जल कर ख़ाक हुआ जब घर
वहमो-ग़ुमाँ के मारे सब
मेरा भरोसा है सच पर
दीवारें सब जानें है
क़ातिल को जिसकी न ख़बर
‘देवी’ थे कल ख़ुश, पर आज
गुमसुम हैं दीवारो-दर
देवी नागरानी
Love Shayari Hindi
हम क़फ़स में हैं और बहार आए
कैसे मुमकिन हो ऐतबार आए
हासिले-ज़िन्दगी हैं वो लम्हें
तेरे कूचे में जो गुज़ार आए
क्या यही है सिला मुहब्बत का
तेरी महफ़िल से अश्कबार आए
दिल की बस्ती उजाड़ने वाले
याद तेरी ही बार बार आए
सादगी से जो लूट ले दिल को
ऐसी सूरत पे क्यों न प्यार आए
दिल का आलम न पूछ अय साजिद
जब नज़र आस्ताने-यार आए
साजिद
Best Romantic Shayari Hindi
ग़ज़ल
क्या ज़िक्र करे यारो उस मोहिनी सूरत का
जो हुस्न सरापा हैं आईना मोहब्बत का
जब सिलसिला बंधता हैं कुछ अशक़ नदामत का
होता हैं गुमा मुझ को अल्ला की रहमत का
आनेे का जो वादा था आये नही वो अब तक
यू ज़िक्र तो होता हैं हर रोज़ क़यामत का
निकले हैं जो दीवाने तनज़ीमे गुलिस्ता को
डर ये हैं ना आ जाये इल्ज़ाम बगावत का
फिर सुबह क़यामत के आसार नज़र आये
उफ़ होने लगा चर्चा फिर जोहदो इबादत का
जिस सिमत उठी नजरे दीवाना बना डाला
आँखें हैं तेरी गोया पैमाना मोहब्बत का
गुजरा हुआ वो मंज़र "मिस्टर" से ना तुम पूछो
देखा है सनम मैने वो दौर भी गुरबत का
शायर तनवीर रज़ा क़ुरैशी मिस्टर जरवली
क़स्बा जरवल जिला बहराईच शरीफ यूपी
कांटेक नंबर +919936122986
Love Shayari Hindi For Girlfriend
दरिया को उसने चाहा तो सहरा बना दिया।
सहरा को जब नवाज़ा तो दरिया बना दिया।
अन्दाज़ जिसका हम ने शहाना बना दिया।
उस बेवफ़ा ने हम को तमाशा बना दिया।
कैसे नसीब हो उन्हें शाहों सी ज़िन्दगी।
इन लालचों ने जिनको पियादा बना दिया।
फिरते थे मारे मारे हर इक अन्जुमन में हम।
उस की नवाज़िशों ने नसीबा बना दिया।
हैरत से देखता है हर इक आदमी हमें।
इस शौक़े आशिक़ी ने हमें क्या बना दिया।
तकते हैं अब भी राह उसी बेवफ़ा की हम।
जिसने हमारी आँखों को दरिया बना दिया।
होते ही शाम जलता है नादाँ खुशी ख़ुशी।
तुम ने हमारे दिल को दिया सा बना दिया।
जितनी बढ़ीं ये, उतनी बुलन्दी मिली फ़राज़।
इन मुश्कलों ने हम को हिमाला बना दिया।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना मुरादाबाद
मस्ती भरी प्यार शायरी हिंदी में
मस्ती भरी निगाह मेरे दिल पे डाल कर
ऐसा लगा वो ले गया दिल ही निकाल कर
जचता नहीं ये गुस्सा तेरे रुख़ पे ऐ सनम
तुम ने रखा है क्यों इसे इतना संभाल कर
रातों की नींद उड़ गई अब चैन है कहां
कुछ तो हमारे दिल का भी दिलबर ख़याल कर
तू याद कर न कर मुझे तुझपर है दिल फ़िदा
दिल में रखा है तुझको बहुत ही सँभाल कर
पहली नजर में तू मेरे दिल में उतर गयी
बिन तेरे जी न पाऊँ न अब ऐसा हाल कर
कैसे गुज़र रही है नजाकत की जिन्दगी
आ कर कभी तो देख ले कुछ तो कमाल कर
नज़ाकत अली, उतराखंड
प्यार भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई
मुनहसिर मेरी अना पर रहा किरदार का रुख़
शौके़ जानाँ ने किया हुस्न के बाजा़र का रुख़
करता है कितनों को मजरूह तेरा तीरे नज़र
सामने आता है जिस वक्त तेरे प्यार का रुख़
देखते रह गये सब लोग मिरे यार का रुख़
उसने जिस वक्त किया कूचए दिलदार का रुख़
जब से देखा है मसीहा ने मुहब्बत से उसे
बदला बदला सा नज़र आता है बीमार का रुख़
कामियाबी उसी ताजिर को मिला करती है
देखता रहता है जो मुल्क के बाजा़र का रुख़
कौन ज़रदार है और कौन है नादार यहाँ
देखकर साकी़ समझ जाता है मयख़ार का रुख़
आँधियाँ चलती हैं जिस वक़्त बियाबानों में
का़बिले दीद हुआ करता है अशजार का रुख़
कान में कह दी है बुलबुल ने न जाने क्या बात
फूल ने देखा न गुलशन में कभी खार का रुख़
दौर जब पीने पिलाने का चला करता है
का़बिले दीद हुआ करता है मयख़ार का रुख़
खै़र हो आशिके़ नादान की माबूद हो खै़र
उसके सर की है तरफ़ गै़र की तलवार का रुख़
कम नज़र देखते हैं फ़न की नुमाइश लेकिन
क़द्रदाँ देखते हैं ग़ौर से फ़नकार का रुख़
'नूर' मैं गर्दिशे अय्याम से डरती ही नही
सामने रखती हूँ मैं अज़्म के रहवार का रुख़
नूर फ़ातिमा
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