जीवन की सच्चाई शायरी Jeevan Per Shayari लाइफ के बारे में शायरी
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जीवन के रंग शायरी
जीवन रंगो से भरा, कीजे इसका पान।
जी भर इनको देख लो, सच्ची ये पहचान।।
सुख दुख इसके अंग हैं, करलो इनकी बात।
हार कभी मानो नहीं, दाता की सौगात।।
जीना उसको आ गया, मुख पर हो मुस्कान।
काम सभी के वो करे, नहीं कभी अंजान।।
हँसते हँसते दिन गए, सो कर गुजरी रात।
दिल से सारे एक हैं, मानव सबकी जात।।
कोई निर्धन है यहाँ, कोई बना अमीर।
जीवन का ये खेल है, कोई बना फ़कीर।।
कोई खुल कर जी रहा, कोई है बीमार।
कोई दानव है बना, कोई है लाचार।।
भूखा कोई सो रहा, भरे अन्न भण्डार।
ऊपर वाले देख ले, कैसा ये संसार।।
अन्न जहाँ पर है नहीं, वहां बड़ा परिवार।
खाने वाले हैं नहीं, वहाँ लगा अम्बार।।
जीवन कष्टों से भरा, नित करता चित्कार।
किसको अपना दुख कहे, बड़ा यहाँ व्यापार।।
जीवन सुगंध से भरा, मन में है उल्लास।
सुख का सागर देख कर, हर पल है मधुमास।।
श्याम मठपाल, उदयपुर
जीवन के सुख दुख पर शायरी | जीवन से दुखी शायरी
गज़ल
सुख दुख तो है आनी जानी, सच है क्या
किसने देखी है जिंदगानी सच है क्या
आना जाना खोना पाना जीवन में
हमने बात यही है मानी, सच है क्या
आज बच्चे कब माने किसकी देखा है
चाल चलन में है बईमानी सच है क्या
टाटा, बाटा, और रिलायंस नाम बड़े
माल बनाये पर आडानी सच है क्या
धन के मद में चूर हुआ कितना मानव
सूख गया आंखों का पानी सच है क्या
जन मानस की बोली मे मैं गज़ल कहूँ
आनंद ने केवल है ठानी, सच है क्या
आनंद पाण्डेय "केवल"
जीवन पर शायरी : दो पल का ही जीवन केवल
पग पग छला जाता हूँ मैं
फिर भी चला जाता हूँ मैं
है नियम संसार का यह
मानकर गला जाता हूँ मैं
मन नही करता मगर क्यूँ,
उस राह भला जाता हूँ मैं
खैर सच बोलना ही है हमे
झूठ से तो जला जाता हूँ मैं
दो पल का ही जीवन केवल
शील संग पला जाता हूँ मैं।।
आनंद पाण्डेय"केवल"
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