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बेटी की विदाई पर यादें शायरी Beti Ki Vidai Ki Yaadein Shayari

बेटी के लिए शायरी Beti Ki Vidai Ki Yaadein Shayari

दिल निकालकर अपना
दिल निकालकर अपना दे रहा हूं आपको,
अब आप ही मेरे इस दिल की हिफाज़त कीजिए।
उसी दिल के साथ जुड़ी है ये सांसें मेरी,
वही सांसों को अपने दिल में जगह दीजिए।

नन्हे-मुन्ने पायल की झनकार अभी भी गुंजती है आंगन में,
उन्हीं यादों को सजाया है मैंने अपने दिल में।
गर भूल हुई कभी उसी दिल से जीवन में,
तो मुझे देखकर उस भूल को आप भूल जाइए।

क्या होती है दिल की तड़प,अब नहीं समझोगे आप,
क्या होता है बाप बेटी का रिश्ता समझ नहीं आयेगा अभी।
जब आप बन जाओगे पिता अपने जीवन में,
तभी इस नाजूक रिश्तों की अहमियत आपको समझ आयेगी।

सिर्फ इन्सान बनके जी रहे हैं हम सभी यहां पर,
गलतियों को नजरंदाज करके चलना है हमें राहों पर।
समझकर एक-दुसरे को जिंदगी को हमें संवारना है,
ऐसे ही कदम से कदम मिलाकर मंजिल की ओर हमें बढ़ना है।

जैेसे जैसे उम्र गुज़र जाती है हमारी,
तो हो जाता है कमजोर दिल और बढ़ जाती है बेकरारी।
समझकर वही हालात मेरे इस कमजोर दिल के,
मेरे इस दिल को थोड़ी सी राहत तो दीजिए।

दिल निकालकर अपना दे रहा हूं आपको,
अब आप ही मेरे इस दिल की हिफाज़त कीजिए।
उसी दिल के साथ जुड़ी है ये सांसें मेरी,
वही सांसों को अपने दिल में जगह दीजिए।

प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद महाविद्यालय लातूर.
9730661640.
महाराष्ट्र

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