दिल से बस स्वीकार किया Dil Se Bus Swikar Kiya Love Shayari in Hindi
दिल से बस स्वीकार किया
जज्बातों का दौर उठा था
यादों की इक आंधी थी
टूट गये थे डोर सभी जो
प्रीत की हमने बांधी थी।
मुश्किल पल में सब था मुश्किल
सब कुछ धुंधला-धुंधला सा
छवि मनोरम काले लगते
काले-काले उजला सा।
फिर भी हमने धैर्य न खोया
मन को एक विस्तार दिया
भूल गये सब दर्द तुम्हारे
दिल से बस स्वीकार किया।
मौन भी व्याकुल हो बैठा जब
झड़ी लगी इल्जामों की
हावी सच पर झूठ हुआ था
बारिश हुई ईनामों की।
फिर भी हमने कुछ ना बोला
दुख ना तुमको हो जाये
एक ना एक दिन भेद खुलेगा
सच जो तुमको मिल जाये।
सुख-दुख आते हीं रहते हैं
हंसकर दुख को टार दिया
भूल गये सब दर्द तुम्हारे
दिल से बस स्वीकार किया।
कैसे कोई प्यार करेगा
खुद पर जब विश्वास नहीं
मिलना उनका मुश्किल हीं है
जब मन में हीं आस नहीं।
उनको हीं है मिली सफलता
जो खुद को तैयार किये
मन-प्राणों से उद्यत होकर
एक बने सब वार दिये।
बनके पूरक हमने साथी
सपनों को आकार दिया
भूल गये सब दर्द तुम्हारे
दिल से बस स्वीकार किया।
अब ऐसा कुछ कर जायें
तुझको पढ़ें निखर जायें
तूं धरती मैं फूल बनूं
टूटे और बिखर जायें।
भाव हमारे उन्नत हों अब
दिल में विष ना व्याप्त रहे
प्यार से झोली भर जाये
ह्रदय प्रेम से तृप्त रहे।
तन-मन-जीवन अर्पण करके
तुझपर बस एतबार किया
भूल गये सब दर्द तुम्हारे
दिल से बस स्वीकार किया।
---प्रीतम कुमार झा
महुआ, वैशाली, बिहार
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