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नज़र शायरी Nazar Shayari In Hindi झुकी नज़र शायरी

नजर शायरी Nazar Shayari In Hindi नज़र पर शायरी

नज़र
कभी उठती ये नज़र 
कभी झुकती ये नज़र 

जुबाँ बनकर बोलती 
सुनो कहती ये नज़र 

छलकते आँसू दिखे 
कभी सहती ये नज़र 

किसी को दिल दे दिया 
कहाँ बहकी ये नज़र 

जुल्म हद से बढ़ गया 
तभी जलती ये नज़र 

कहीं बेवश हो गई 
वहाँ बुझती ये नज़र 

हवश का कीड़ा दिखा 
तभी सुलगी ये नज़र 

हदें सारी पार की 
बनी तिरछी ये नज़र 

सजा कातिल को मिले 
हुई बरछी ये नज़र 

श्याम मठपाल,उदयपुर

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