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कटाक्ष शायरी इन हिंदी Tanz Shayari व्यंग्य और कटाक्ष शायरी Kataksh Shayari

तंज कसने वाली शायरी | दोस्तों को ताना मारने वाली शायरी

ग़ज़ल
आप को हम, सुना रहे हैं जी !!
गज़ल अपनी ही गा रहे हैं, जी।।

जो जुदाई की आग है दिल में, 
दे हवा हम, बुझा रहे है, जी !!

बाप के दम, मकान हासिल है, 
काम अपना, बता रहे हैं, जी !!

आसमां नाप तो नही पाये।
 है मगर दम, जता रहे हैं, जी !!

आँख मेरी लगी, नही लेकिन, 
राम बेटे, रटा रहे हैं, जी !!

प्यार कैसे समझ इसे लूँ मैं, 
वो तो केवल सता, रहे हैं जी !!

झूठ के बोल कह, रहें सब हैं, 
आइना हम, दिखा रहे है, जी !!

गजल कह के सुना लिया खुद को, 
यूँ अभी दिल लगा रहे है, जी !!

आनंद पाण्डेय"केवल"

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