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Waqt Shayari वक्त बदलेगा शायरी | वक्त और हालात शायरी

वक्त पर शायरी : वक्त का पहिया सबकुछ बदल देता है Waqt Shayari

कुछ पलों का मुसाफिर
वक्त का पहिया सबकुछ बदल देता है पल में,
ऐ, इन्सा गुमान न कर तू अपने जीवन में।
वक्त के आगे कोई नहीं है यहां बाजीगर,
यही बात को तू रख लें अपने ज़हन में।

मत हंसना तू कभी किसी मजलूम लाचारों पर,
सुरज भी नहीं किसी काम का यहां अंधेरा होने पर।
हर वक्त बहार नहीं आती कुदरत में भी,
वहां भी होता है कभी-कभी पतझड़ का मंजर।

कभी कोई हंसता है यहां अपने जीवन में,
तो कभी कोई परेशान है अपने गमगीन जिंदगी में।
वक्त के पास नहीं है कभी किसी के लिए भेदभाव यहां पर,
सभी एक समान है उसी वक्त के दरबार में।

किसीको मिल जाती है मंजिल अपने जीवन में,
कोई मंजिल की तलाश में भटक रहा है यहां राहों पर।
वही पलट देता है बाजी सबकी पल में यहां,
उसी वक्त के हाथों सभी कठपुतलियां बने हुए है यहां पर।

इस जिंदगी के खेल में कोई नहीं है यहां बाजीगर,
कभी हार कभी जीत ऐसे ही चलता है ये जिंदगी का सफ़र।
ये वक्त का पहिया सबकुछ बदल देता है पल में,
ऐ, इन्सा तू तो है इस संसार में कुछ पलों का मुसाफिर

प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद महाविद्यालय लातूर
9730661640
महाराष्ट्र

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