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अजीब ओ गरीब जदीद शायरी ग़ज़ल Ajeeb o Ghareeb Jadeed Shayari Ghazal

काॅलेजों के मंचले नौजवानों और हसीनाओं के लिए एक जदीद-व-मुन्फरिद नज़्म-ए-मुअर्रा-व-आज़ाद


Ajeeb o Ghareeb Jadeed Shayari Ghazal


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जवानी के सरसब्ज़ो-ताज़ा खेत में आने के बाद!
तबीअत हरी हो गयी है, " हुस्न " को पाने के बाद!!

हमें भी बताना!, " मिज़ाज-ए-शैख़े " कैसे हैं ?, ऐ हुस्न!
तुम, उन के हो अपने!, वो तुम्हारे तो अपने हैं!, ऐ हुस्न!

" अरब " से चले आए हैं, " भारत " के सरसब्ज़ खेत में, वो!
वहाँ, सिर्फ़ " पैट्रोल " मिलता है, नहीं " हुस्न " रेत में, जो!

" मुहब्बत " नहीं है, वहाँ तो, तेल ही तेल है, आज!?
ग़रीबो!, सुनो हो!, वहाँ, दौलत की रेल-पेल है, आज!?

ख़ुदा की क़सम है!, हमें भी तो बताना!, किसी दिन!
तुम अब रह सकोगे, भला!, क्या?, " हज़रत-ए-शैख़े के बिन!

लाल सेबों के जैसे हैं, तुम्हारे ये दोनों गाल!!
हाय!, बद-मस्त और मतवाली है, तुम्हारी भी चाल!!

है " सर-मस्त, इश्क़- व-ख़्याल अब तो!
है " बद-मस्त, हुस्न-व-जमाल अब तो!

ये दोशीज़ा, ये कुँवारी हसीना है " एक अनार " की तरह!
सौ से ज़्यादा " शैख़-व-शैयूख़-व-मशाइख़ " हैं, बिमार की तरह!?

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इस त़वील जदीद-व-मुन्फ़रिद नज़्म-ए-मुअर्रा-व-आज़ाद के दीगर शेर-व-सुख़न फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
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रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी,
डाक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी बिल्डिंग्, ख़दीजा नरसिंग, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!

" घोसणा "
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हमारे यहाँ ख़ून, पेशाब, मल-मूत्र, बल्ग़म, इत्यादि का जाँच किया जाता है!
ख़दीजा ख़ातून, 
जावेद अली दुकान, 
पहाड़ी -साईड इमामबाड़ा रोड, 
पहाड़ी टोला, राँची, झारखण्ड!
MOB.PH.NO :-
7061730866, 
6201728863.
M.CURE LAB., CHURCH ROAD, RANCHI-834001

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