बुजुर्गों की अहमियत शायरी | Buzurgon Ki Ahmiyat Shayari
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बुजुर्गों की अहमियत
बुजुर्गों से दोस्ती करलो यारों, हर वक्त जरूरत इनकी पड़ती ही रहे।
जीवन सफ़र है लम्बी बुजुर्गो की राय सही मिल जाएं।
समझ जाए जो सख़्स इसकी सब चालाकी,
देख वो सब मालामाल बन चमक निखर रहे।
रात जिन्दगी से मुलाकात हुई, लब थरथरा रहे थे मगर बात हो गई।
बुजुर्गों ने राय दी, नेक काम कर, जाते जाते शोहरत बेहिसाब मिल गई।
जो भी चाहा सब बातें हूबहू मनचाही पूरी होती रही,
औरों से क्या करें सिकवा गिला और शिकायत।
अनजाने हमसे अगर खता कुछ हो जाए।
हँस हँस कर जाने कब सारी बात हों पूरी कर पाएं।
किस वक्त पड़ जाए जरूरत जानता न कोई,
पराया हो नहीं कभी कोई हर बुजुर्ग कहें करते जाएं।
बुजुर्गो की सीख जो माने
सही वहीं पहचान पाए।
जिन्दगी में बहुत से लोग आये और चले गये,
कुछ एक खुदगर्ज ऐसे कि दर्द भुलाए न भुले।
कुछ बने ऐसे दिलबर दर्द सारे धुल मिट गये,
हौसला और बुलंदी इतनी आसमान छू रहे।
नेह की चादर तले दुस्मनों से दोस्ती कर रहे,
बुजुर्गों से मित्रता कर हर वक्त जरूरत पड़े।
बुजुर्गों का साथ निभा अफरात बरक्कत होगी।
बचपना छोड़ अब, बड़प्पन ला, तरक्की होगी।।
पुष्पा निर्मल
बेतिया बिहार
15/05/2022
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