दर्द ने दस्तक दी Dard Bhari Shayari दर्द भरी शायरी Painful Shayari
दर्द ने दस्तक दी
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी
हमें यूं ना रुलाओ... 2
मैं इस दर्द से कह दी।।
खामोशी से सब कुछ हम
चुपके से सहे थे जाते ...
खामोशी तोड़ी हमने जब
हमें ही चरित्रहीन दुनिया कह दी।।
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी।।
कब तलक यूं घुट-घुट के बताओ
चार दीवारी में हम जिये जाते
तोड़ पैरों कि जंजीरें मिले दुनिया से
तब दुनिया ही हमें पत्थर कह दी।।
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी।।
सोचा करती, नजर अंदाज़ कर सबको
मुझे आगे सिर्फ बढ़ना है
नजर अंदाज़ किया जब ज़माने को
ज़माने ने मगरूर नाम की उपाधी दे दी।।
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी।।
इस ओर जाऊं मैं, तो भी खाई मेरे
उस ओर जाऊं तो भी खाई मेरे
बताओ कैसे लड़ूं इस ज़माने से जिसने
मेरे आंखों में फरेब कि अग्नि दे दी।।
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी।।2।।
नाकामयाब से कामयाबी कि ओर
बढ़ना, अब मैं दिल से चाहती
चाहत को सहारे के पंख मिले नहीं
आज मेरी अपनी वेदना कह दी।।
आज फिर दर्द ने मेरे दिल पर दस्तक दे दी।।2।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
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