Lakhon Salam Naat Sharif in Hindi - Jadeed Naat e Rasool Maqbool
शाइर-ए-इस्लाम, राम दास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी की इश्क़िया शायरी
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" हज़रत-ए-मुह़म्मद "
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रब के प्यारे, मुह़म्मद पे लाखों सलाम!!
मोमिनो!, भेजो, अहमद पे लाखों सलाम!!
कम नहीं होती, जहाँ में, शाने-मुहम्मद!
बढ रहा है, देखो!, कार्वान-ए-मुहम्मद!!
दिल से हम-आहंग है, ज़बाने-मुहम्मद
" दीन" से मामूर है, जहान-ए-मुहम्मद
शामिले-शाने-ख़ुदा है, शान-ए-मुहम्मद
क़िस्सा-ए-हक़ है ये दास्ताने- मुह़म्मद
कहते हैं इस्लाम जिसको ऐ राम, वो तो
रूह-ए-पैग़म्बर है और है जाने-मुहम्मद
तू!, बना मुझको ग़ुलाम अपना, है मन्नत
ऐ रसूल-ए-आख़िरुज़्ज़माने-मुहम्मद!!
इक तमन्ना मेरी, पूरी करना, ख़ुदाया!!
मैं बनूँ अब ख़ाके-गुल्सिताने-मुहम्मद!
अब भी दी जाती है उस नबी की मिसाल!!
"राम"!, था/ है, बे-मिसाल उस का हुस्नो-जमाल!!
मोमिनो!, "शाहे-उम्मत" पे लाखों सलाम!!
भेजो, " अहले-रिसालत" पे लाखों सलाम!!
" बादशाहे-मुहब्बत " पे लाखों सलाम!!
"अहले-फ़ैज़ो-सख़ावत " पे लाखों सलाम!!
" दीनी क़ानून, इस्लाम का " है भला!!
" ताजदारे-शरीअत " पे लाखों सलाम
मुस्त़फ़ा की शराफ़त की, दूँगा, मिसाल
मुस्त़फ़ा की शराफ़त पे लाखों सलाम
फूल खिल-खिल गये जिस ज़ुबाँ के, यहाँ!!
उस ज़ुबाँ की हलावत पे लाखों सलाम!!
फैलती जाती है, उन की ख़ुश्बू, यहाँ!!
आँ मुहम्मद की निक्हत पे लाखों सलाम!!
जिस की पैग़म्बरी पर है, " रामा/ अशरफ़ ", निसार!!
उस नबी की नबूवत् पे लाखों सलाम!!
-----नोट :- इस त़वील नातिया-व-ग़ज़लिया नज़्म के दीगर शेर-व-सुख़न आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
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सारी कायनात " मुहम्मद और अल्लाह-व-ईश्वर के आशिकों के लिए बनाई गई है!!
ख़ूब मोहब्बतें, ख़ूब शादियाँ कीजिए!!
लेकिन उन से पहले ख़ूब इबादतें और तपस्यायें कीजिये!!
इतनी आसानी से, " ख़ुदा " नहीं मिलता!!
"नफ़्स " को मारना पड़ता है!!
" लाम " को सुखा कर " छोहाड़ा " बनाना पड़ता है!!
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डाक्टर राम दास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी,
डाक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी बिल्डिंग्, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!
मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम : आला हजरत नात शरीफ हिंदी में
मुस्तफ़ा जाने रहमत पे लाखों सलाम,
शम-ए-बज़्में हिदायत पे लाखों सलाम।
मेहरे चर्ख़े नबुव्वत पे रौशन दुरुद
गुले बाग़े रिसालत पे लाखों सलाम
शह़र-यारे इरम ताजदारे ह़रम,
नौ बहारे शफ़ाअ़़त पे लाखों सलाम।
शबे असरा के दूल्हा पे दाइम दुरूद
नौशए बज़्में जन्नत पे लाखों सलाम।
अ़र्श की ज़ैबो ज़ीनत पे अ़र्शी दुरुद
फ़र्श की त़ीबो नुज़्हत पे लाखों सलाम।
नूरे ऐ़ने लत़ाफ़त पे अल्तफ़ दुरुद
ज़ैबो ज़ैने नज़ाफ़त पे लाखों सलाम
सर्वे नाज़े क़िदम मग़्ज़े राज़े ह़िकम
यक्का ताज़े फ़ज़ीलत पे लाखों सलाम
नुक़्त़ए सिर्रे वह़दत पे यकता दुरुद
मर्कज़े दौरे कसरत पे लाखों सलाम
जिस के ज़ेरे लिवा आदमो मन सिवा
उस सज़ाए सियादत पे लाखों सलाम
अ़र्श ता फ़र्श है जिसके ज़ेरे नगीं
उसकी क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम
फ़त्हे बाबे नुबुव्वत पे बेह़द दुरुद
ख़त्मे दौरे रिसालत पे लाखों सलाम
शर्क़े अनवारे कुदरत पे नूरी दुरुद
फ़त्क़े अज़्हारे कुरबत पे लाखों सलाम
बे सहीमो क़सीमो अ़दीलो मसील
जौहरे फ़र्दे इ़ज़्ज़त पे लाखों सलाम
सिर्रे ग़ैबे हिदायत पे ग़ैबी दुरुद
इ़त्रे जैबे निहायत पे लाखों सलाम
माहे लाहूते ख़ल्वत पे लाखों दुरुद
शाहे नासूते जल्वत पे लाखों सलाम
कन्ज़े हर बे-कसो बे नवा पर दुरुद
ह़िर्ज़े हर रफ़्ता त़ाक़त पे लाखों सलाम
पर-तवे इस्मे ज़ाते अह़द पर दुरुद
नुस्ख़ा ए जामिइय्यत पे लाखों सलाम
ख़ल्क़ के दाद-रस सबके फ़रियाद-रस
कहफ़े रोज़े मुसीबत पे लाखों सलाम
इन्तिहा ए दुई इब्तिदा ए यकी
जम्ए़ तफ़रीक़ो कसरत पे लाखों सलाम
कसरते बादे क़िल्लत पे अक्सर दुरुद
इ़ज़्ज़ते बादे ज़िल्लत पे लाखों सलाम
रब्बे आ’ला की ने’मत पे आ’ला दुरुद
ह़क़ तआला की मिन्नत पे लाखों सलाम
हम ग़रीबों के आक़ा पे बेह़द दुरुद
हम फ़क़ीरों की सरवत पे लाखों सलाम
सबबे हर सबब मुन्तहा ए त़लब
इ़ल्लते जुमला इ़ल्लत पे लाखों सलाम
मस्दरे मज़हरिय्यत पे अज़्हर दुरुद
मज़्हरे मस्दरिय्यत पे लाखों सलाम
जिसके जल्वे से मुरझाई कलियां खिलें
उस गुले पाक मम्बत पे लाखों सलाम
क़द्दे बे साया के साया ए मर्ह़मत
ज़िल्ले मम्दूदे राफ़त पे लाखों सलाम
त़ाइराने कुदुस जिस की हैं कुमरियां
उस सही सर्व क़ामत पे लाखों सलाम
वस्फ़ जिसका है आईना ए हक़ नुमा
उस खुदा साज़ तलअ़त पे लाखों सलाम
जिसके आगे सरे सरवरां ख़म रहेंं
उस सरे ताजे रिफअ़त पे लाखों सलाम
वो करम की घटा गेसू ए मुश्क सा
लक्का ए अब्रे राफ़त पे लाखों सलाम
लख़्त लख़्ते दिले हर जिगर चाक से
शाना करने की ह़ालत पे लाखों सलाम
दूरो नज़्दीक के सुन्ने वाले वोह कान
काने लाले करामत पे लाखों सलाम
चश्म ए मेह़र में मौजे नूरे जलाल
उस रगे हाशिमिय्यत पे लाखों सलाम
जिस के माथे शफ़ाअ़त का सेहरा रहा
उस जबीने सआ़दत पे लाखों सलाम
जिन के सज्दे को मेह़राबे काबा झुकी
उन भवों की लत़फ़त पे लाखों सलाम
अश्क बारिये मुज़्गां पे बरसे दुरुद
सिल्के दुर्रे शफ़ाअ़त पे लाखों सलाम
जिस त़रफ़ उठ गई दम में दम आ गया
उस निगाहें इ़नायत पे लाखों सलाम
नीची आंखों की शर्मों ह़या पर दुरुद
ऊंची बीनी की रिफ़्अ़त पे लाखों सलाम
जिन के आगे चराग़े क़मर झिलमिलाए
उन इ़ज़ारों की त़ल्आत पे लाखों सलाम
उनके ख़द की सुहूलत पे बेह़द दुरुद
उनके क़द की रशाक़त पे लाखों सलाम
जिस से तारीक दिल जग-मगाने लगे
उस चमक वाली रंगत पे लाखों सलाम
चांद से मुंह पे ताबां दरख़्शा दुरुद
नमक-आगीं सबाह़त पे लाखों सलाम
शबनम ए बाग़े ह़क़ यानी रुख़ का अ़रक़
उसकी सच्ची बराक़त पे लाखों सलाम
ख़त की गिर्दे दहन वोह दिलआरा फबन
सब्ज़ए नहरे रह़मत पे लाखों सलाम
रीशे खुश मोतदिल मरहमे रैशे दिल
हाल ए माहे नुदरत पे लाखों सलाम
पतली पतली गुले कुद्स की पत्तियां
उन लबो की नज़ाकत पे लाखों सलाम
वो दहन जिस की हर बात वहये खुदा
चश्मा ए इल्मों ह़िक़मत पे लाखों सलाम
जिसके पानी से शादाब जानों जिनां
उह दहन की त़रावत पे लाखों सलाम
जिस के खारी कूंएं शीरा ए जां बने
उस जुलाले ह़लावत पे लाखों सलाम
वो ज़बां जिसको सब कुन की कुन्जी कहें
उसकी नाफ़िज़ हुकूमत पे लाखों सलाम
उसकी बातों की लज़्ज़त पे लाखों दुरुद
उसके खुत़्बे की हैबत पे लाखों सलाम
वो दुआ जिसका जोबन बहारे क़बूल
उस नसीमें इजाबत पे लाखों सलाम
जिन के गुच्छे से लच्छे जड़ें नूर के
उन सितारों की नुज़्हत पे लाखों सलाम
जिस की तस्कीं से रोते हुए हंस पड़े
उस तबस्सुम की आदत पे लाखों सलाम
जिस में नहरें हैं शीरो शकर की रवां
उस गले की नज़ारत पे लाखों सलाम
दोश बर दोश है जिन से शाने शरफ़
ऐसे शानों की शौकत पे लाखों सलाम
ह़जरे अस्वदे काबा ए जानो दिल
यानी मोहरे नबुव्वत पे लाखों सलाम
रुए आइनए इ़ल्म पुश्ते हुज़ूर
पुश्तिये क़सरे मिल्लत पे लाखों सलाम
हाथ जिस सम्त उठ्ठा ग़नी कर दिया
मौजे बह़रे समाह़त पे लाखों सलाम
जिस को बारे दो आ़लम की परवा नहीं
ऐसे बाज़ू की कुव्वत पे लाखों सलाम
काबा ए दीनो ईमां के दोनो सुतूं
साइ़दैने रिसालत पे लाखों सलाम
जिस के हर ख़त में है मौजे नूरे करम
उस कफ़े बह़रे हिम्मत पर लाखों सलाम
ई़दे मुश्किल कुसाई के चमके हिलाल
नाखुनों की बिशारत पे लाखों सलाम
रफ़्ए ज़िक्रे जलालत पे अरफ़अ़ दुरुद
शर्ह़े सदरे सदारत पे लाखों सलाम
अन्धे शीशे झलाझल दमक्ने लगे
जल्वा रेज़िये दावत पे लाखों सलाम
दिल समझ से वरा है मगर यूं कहूं
गुन्चए राज़े वह़दत पे लाखों सलाम
कितने बिखरे हुए हैं मदीने के फूल,
कर्बला तेरी किस्मत पे लाखों सलाम
हम गरीबों के आका पे बेहद दुरूद,
हम फकीरों के सर्वर पे लाखों सलाम
कुल जहां मिल्क और जौ की रोटी ग़िज़ा
उस शिकम की क़नाअ़त पे लाखों सलाम
जो कि अ़ज़्मे शफ़ाअ़त पे खिंच कर बंधी
उस कमर की ह़िमायत पे लाखों सलाम
अम्बिया तह करें ज़ानू उनके हुज़ूर
ज़ानूओ की वज़ाहत पे लाखों सलाम
साक़े अ़स्ले क़दम शाख़े नख़्ले करम
शम्ए राहे इसाबत पे लाखों सलाम
खाई कुरआं ने ख़ाके गुज़र की क़सम
उस कफ़े पा की हुरमत पे लाखों सलाम
जिस सुहानी घड़ी चमका त़यबा का चांद
उस दिल अफ़रोज़ साअ़त पे लाखों सलाम
ज़रए़ शादाबो हर ज़रए़ पुर-शीर से
ब-रकाते रज़ाअ़त पे लाखों सलाम
भाइयो के लिए तर्क पिस्तां करें
दूध पीतो की निस्फ़त पे लाखों सलाम
मह़दे वाला की क़िस्मत पे लाखों दुरुद
बुर्जे माहे रिसालत पे लाखों सलाम
अल्लाह अल्लाह वोह बचपने की फबन !
उस खुदा भाती सूरज पे लाखों सलाम
उठते बूटों की नशवो नुमा पर दुरुद
खिलते गुन्चों की नक्हत पे लाखों सलाम
फ़ज़्ले पैदाइशी पर हमेशा दुरुद
खेलने से कराहत पे लाखों सलाम
एतिलाए जिबिल्लत पे लाखों दुरुद
एतिलाए त़विय्यत पे लाखों सलाम
बे बनावट अदा पर हज़ारो दुरुद
बे तकल्लुफ मलाह़त पे लाखों सलाम
भीनी भीनी महक पर महकती दुरुद
अच्छी अच्छी इशारत पे लाखों सलाम
सीधी सीधी रविश पर करोंरों दुरुद
सादी सादी त़बीअ़त पे लाखों सलाम
रोज़े गर्मो शबे तीरओ तार में
कोहो सह़रा की ख़ल्वत पे लाखों सलाम
जिस के घेरे में हैं अम्बियाओ मलक
उस जहांगीर बिअ्सत पे लाखों सलाम
तेरे इन दोस्तो के तुफ़ैल ऐ रज़ा
बन्दए नंगे खलक़त पे लाखों सलाम
मेरे उस्ताद मां बाप भाई बहन
अहले वुल्दो अ़शीरत पे लाखों सलाम
एक मेरा ही रह़मत दावा नहीं
शाह की सारी उम्मत पे लाखों सलाम
मुझसे ख़िदमत के कुदसी कहें हां रज़ा
मुस्तफ़ा जाने रह़मत पे लाखों सलाम
Mustafa Jaane Rahmat Pe Lakhon Salaam | Ala Hazrat, Naat Sharif, Salam in English Font
Mustafa Jaane Rahmat Pe Lakhon Salaam,
Sham-E-Bazme Hidayat Pe Lakhon Salaam
Mehre Charkh-e-Nabuwwat Pe Roushan Darood,
Gul-E-Bagh-E-Risalat Pe Lakhon Salaam.
Shahriyar-E-Iram Taajdar-E-Haram,
Noubahar-E-Shafa’at Pe Lakhon Salaam.
Shab-E-Asra Ke Dulha Pe Daa’im Darood,
Noush-E-Bazm-E-Jannat Pe Lakhon Salaam.
Arsh Ki Zaibo Zeenat Pe Arshi Durood,
Farsh Ki Teebo Nuzhat Pe Lakhon Salaam.
Mustafa Jaane Rahmat Pe Lakhon Salaam Lyrics
Noor-E-Ain-E-Latafat Pe Altaf Durood,
Zaibo Zaine Nazafat Pe Lakhon Salaam.
Sarve Naaz-E-Qidam Maghz-E-Raaz-E-Hikam,
Yakka Taaze Fazilat Pe Lakhon Salaam
Nuqta-E-Sirre Wahdat Pe Yakta Durood,
Markz-E-Doure Kasrat Pe Lakhon Salaam.
Jis Ke Zerey Liwa Aadmo Mann Siwa,
Us Saza-E-Siyaadat Pe Lakhon Salaam.
Arsh Ta Farsh Hai Jiske Zere Nagi(N),
Uski Qaahir Riyasat Pe Lakhon Salaam.
Fat’he Baabe Nubuwwat Pe Behad Durood,
Khatme Dour-E-Risalat Pe Lakhon Salaam.
Sharq-E-Anwaar-E-Kudrat Pe Noori Durood,
Fatqe Azhar-E-Kurbat Pe Lakhon Salaam.
Be Saheem-O- Qaseem-O-Adeel-O-Maseel,
Jouhar-E-Fard-E-Izzat Pe Lakhon Salaam.
Sirre Ghaib-E-Hidayat Pe Ghaibi Durood,
Itre Jaibe Nihayat Pe Lakhon Salaam.
Maahe Laahoot-e-Khalwat Pe Lakhon Durood
Shahe nasoot e jalwat pe Lakhon Salam
Kanz-E-Har Bekaso Be Nawa Par Durood,
Hirz-E-Har Rafta Taaqat Pe Lakhon Salaam.
Par Taw-E-Isme Zaate Ahad Par Durood,
Nuakha e Jamiee’yat Pe Lakhon Salaam.
Khalq Ke Daad-Ras Sabke Fariyaad-Ras,
Kahfe Roze Musibat Pe Lakhon Salaam.
Intihaa-E-Dui Ibtidaa-E-Yaki,
Jam-E-Tafreeqo Kasrat Pe Lakhon Salaam.
Kasrate Baade Qillat Pe Aksar Durood
Izzate Baade Zillat Pe Lakhon Salaam
Rabbe Aala Ki Ne’mat Pe Aala Durood
Haq Ta’aala Ki Minnat pe Lakhon Salam
Ham Ghareebon Ke Aaqa Pe Behad Durood
Ham faqeeron Ki Sarwat Pe Lakhon Salaam
Sabbe Har Sabab Muntaha-E-Talab
Illat e Jumla Illat Pe Lakhon Salaam
Masdar-E-Mazahriyyat Pe Azhar Durood
Mazhare Masdariyyat Pe Lakhon Salaam
Jiske Jalwe Se Murjhaai Kaliyan Khilen,
Us Gul-E-Paak Mambat Pe Lakhon Salaam.
Qadde Be Saaya Ke Saya-E-Marhmat,
Zille Mumdood-E-Raafat Pe Lakhon Salaam
Taai’raan-E-Kudus Jis Ki Hein Kumriyaan
Us Sahi Sarv Qaamat Pe Lakhon Salaam
Wasf Jiska Hai Aaina-e-Haq Numa
Us Khuda Saaz Tal’at Pe Lakhon Salam
Jiske Aage Sare sarwaran Kham Rahen
Us Sare Taje Rif’At Pe Lakhon Salam
Woh Karam Ki Ghata Gesoo-E-Mushk Saa
Lakka-E-Abr-E-Raafat Pe Lakhon Salaam
Lakht Lakht-E-Dil-E-Har Jigar Chaak Se
Shaana Karne Ki Haalat Pe Lakhon Salaam
Door-O-Nazdeek Ke Sunne Waale Woh Kaan
Kaane Laale Karamat Pe Lakhon Salaam
Chashma-E-Mehr Me Mouje Noor-E-Jalaal
Us Rage Haashmiyat Pe Lakhon Salaam
Jis Ke Maathe Shafa’at Ka Sehra Raha
Us Jabeen-E-Sa’aadat Pe Lakhon Salaam
Jinke Sajde Ko Mehrab-E-Kaaba Jhuki
Un Bhawo(N) Ki Latafat Pe Lakhon Salaam
Ashk Baariye Muzgha(N) Pe Barse Durood
Silke Durre Shafa’at Pe Lakhon Salaam
Jis Taraf Uth Gaai Dum Me Dum Aa Gaya
Us Nigaahe Inaayat Pe Lakhon Salaam
Neechi Aankhon Ki Sharm-O-Haya Par Durood
Oonchi Beeni Ki Rif’at Pe Lakhon Salaam
Jin Ke Aage Charagh-E-Qamar Jhil-Milaye
Un Izaaron Ki Tal’at Pe Lakhon Salaam
Unke Khad Ki Suhoolat Pe Behad Durood
Unke Qad Ke Rashaqat Pe Lakhon Salaam
Jis Se Tareek Dil Jag-Magane Lage
Us Chamak Waali Rangat Pe Lakhon Salaam
Chand Se Muh Pe Taaba(N) Darkhsha Durood
Namak-Aagi(n) Sabahat Pe Lakhon Salaam
Shabnam-E-Bagh-E-Haq Yaani Rukh Ka Araq
Uski Sachchi Baraqat Pe Lakhon Salaam
Khat Ki Gird-E-Dahan Woh Dilaara Faban
Sabza-e-Nahre Rahmat Pe Lakhon Salaam
Reesh-E-Khush Motdil Marham-E-Raish-E-Dil
Haal-E-Maahe Nudrat Pe Lakhon Salaam
Patli Patli Gule Kudas Ki Pattiyan
Un Labon Ki Nazakat Pe Lakhon Salaam
Woh Dahan Jis Ki Har Baat Wahye Khuda
Chashma-E-Ilmo(N) Hiqmat Pe Lakhon Salaam
Jiske Paani Se Shaadab Jaano(N) Jinaa(N)
Uh Dahan Ki Tarabat Pe Lakhon Salaam
Jis Se Khaari Kooye(N) Sheera-E-Jaa(N) Bane
Us Julaale Halawat Pe Lakhon Salaam
Woh Zaba(N) Jisko Sab Kun Ki Kunji Kahe(N)
Uski Naafiz Hukoomat Pe Lakhon Salaam
Uski Baton Ki Lazzat Pe Lakhon Darood
Uske Khutbe Ki Haibat Pe Lakhon Salaam
Woh Dua Jiska Joban Bahare Qabool
Us Naseeme Ijabat Pe Lakhon Salaam
Jin Ke Guchchhe Se Lachhe Jade(N) Noor Ke
Un Sitaaron Ki Nuzhat Pe Lakhon Salaam
Jis Ki Taski Se Rotey Hue Has Pade
Us Tabassum Ki Aadat Pe Lakhon Salaam
Jis Me Naharen Hein Sheero Shaker Ki Rawa(N)
Us Gale Ki Nazarat Pe Lakhon Salaam
Dosh Bar Dosh Hai Jin Se Shane Sharaf
Aise Shaano(N) Ki Shoukat Pe Lakhon Salaa
Hajre Aswad-E-Kaaba-E-Jaano Dil
Yaani Mohre Nabuwwat Pe Lakhon Salaam
Roo-E-Aaina-E-Ilm Pushte Huzoor
Pushtiye Qasre Millat Pe Lakhon Salaam
Haath Jis Sumt Uttha Ghani Kar Diya
Mouje Bahre Samahat Pe Lakhon Salaam
Jis Ko Bare Do Aalam Ki Parwa Nahi
Aise Baazoo Ki Kuwwat Pe Lakhon Salaam
Kaaba-E-Deeno Eema(N) Dono Sutu(N)
Saai’daine Risalat Pe Lakhon Salaam
Jis Ke Har kHat Me Hai Mouje Noore Karam
Us Kafe Bahre Himmat Pe Lakhon Salaam
Eid-E-Mushkil Kusaai Ke Chamke Hilaal
Naakhuno(n) Ki Bisharat Pe Lakhon Salaam
Raf-E-Zikre Jalaalat Pe Arfa’aa Durood
Sharhe Sadre Sadarat Pe Lakhon Salaam
Andhe Sheeshe Jahala-Jhal Damakne Lage
Jalwa Reziye Daawat Pe Lakhon Salaam
Dil Samajh Se Wara Hai Magar Yun Kahun
Guncha-E-Raaze Wahdat Pe Lakhon Salaam
Kitne Bikhre Hue Hein Madine Ke Phool,
Karbala Teri Qismat Pe Lakhon Salaam
Ham Garibon Ke Aaqa Pe Behad Durood,
Ham Fakeeron Ke Sarwar Pe Lakhon Salaam
Kul Jaha Milk Aur Jou Ki Roti Ghiza
Us Shikam Ki Qana’at Pe Lakhon Salaam
Jo Ki Azme Shafa’at Pe Khich Kar Bandhi
Us Kamar Ki Himaayat Pe Lakhon Salaam
Ambiya Tah Karen Zaanoo Unke Huzoor
Zaanuo Ki Wazahat Pe Lakhon Salaam
Saaqe Asle Qadam Shakhe Nakhle Karam
Sham-E-Raahe Isaabat Pe Lakhon Salaam
Khaai Kuraa(N) Ne Khaake Guzar Ki Qasam
Us Kafe Paa Ki Hurmat Pe Lakhon Salaam
Jis Suhani Ghadi Chamka Taiba Ka Chand
Us Dil Afroz Saa’at Pe Lakhon Salaam
Zar-E-Shadab-O-Har Zar-E-Pur-Sheer Se
Barakate Raza’at Pe Lakhon Salaam
Bhaiyo Ke Liye Tark Pista(N) Karen
Dhoodh Peetey Nisbat Pe Lakhon Salaam
Madhe Wala Ki Qismat Pe Lakhon Salaam
Burje Maahe Risalat Pe Lakhon Salaam
Allah Allah Woh Bachpane Ki Faban !
Us Khuda Bhaati Suraj Pe Lakhon Salaam
Uth’te Booto(N) Ki Nashwo Numa Par Durood
Khilte Guncho(N) Ki Nakhat Pe Lakhon Salaam
Fazle Paidaishi Par Hamesha Durood
Khelne Se Karhat Pe Lakhon Salaam
Ey Tila-E Jibillat Pe Lakhon Darood
Ey Tila-E Tawiyyat Pe Lakhon Salaam
Be Banawat Ada Par Hazaron Durood
Be Takalluf Malahat Pe Lakhon Salaam
Bhini Bhini Mahak Par Mahakti Durood
Achchi Achchi Isharat Pe Lakhon Salaam
Seedhi Seedhi Rawish Par Karoron Durood
Saadi Saadi Tabi’at Pe Lakhon Salaam
Roze Garmo Shabe Teer-O-Taar Me
Koho Sahra Ki Khalwat Pe Lakhon Salaam
Jis Keg Here Me Hein Ambiyao Malak
Us Jahangeer Bi’asat Pe Lakhon Salaam
Tere In Dosto Ke Tufail Ey Raza
Banda-E-Nange Khalqat Pe Lakhon Salaam
Mere Ustad, Maa, Baap, Bhai, Bahan,
Ahle Wuldo Ashirat Pe Lakhon Salaam
Ek Mera He Rahmat Me Da’wa Nahi
Shah Ki Saari Ummat Pe Lakhon Salaam
Mujhse Khidmat Ke Kudsi Kahen Han RAZA
Mustafa Jaane Rahmat Pe Lakhon Salaam
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