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प्यार को पास बुलाने की शायरी Pyar Ko Pass Bulane Ki Shayari

किसी को पास बुलाने की शायरी | रूठे प्यार को मनाने की शायरी

इक बार चले आओ

कान पकड़ का माफ़ी माँगे, इक बार चले आओ।
गलती कोई नहीं करेंगे, दिल में फिर बस जाओ।

जीवन तुम बिन सूना सूना, याद बहुत आते हो।
आँखें बंद करूँ मैं जब भी, मन में छा जाते हो।
मुझको तुम अपना कहते, ऐसे भी क्यों रूठे हो।
दिल की धड़कन तुमसे मेरी, बोलो हमसे झूठे हो।

मीठे बोल बोलें हम तुम, कोई गीत गुनगुनाओ।
तुम बिन मेरा जीना कैसा, इक बार चले आओ।

तुमसे ही हैं सपने सारे, तुम मेरी पतवार हो।
साझा अपने सुख दुःख सारे, तुम ही संसार हो।
भुला नहीं पाउँगा तुमको, जतन करूँ कई हज़ार।
मेरा अपना कुछ नहीं है, तुमसे ही घर परिवार।

आज माँगू मैं ईश्वर से, मुझको तुम नहीं भुलाओ।
एक गाडी के हम दो पहिये, इक बार चले आओ।

मानव बन कर जन्म लिया, आते है मन में विकार।
क्षण भर कर आवेश होता, दूषित हो जाते विचार।
आगे लम्बा जीवन अपना, अमृत हो जाता है प्यार।
नादानी हो जाती हमसे, होने लगता है तकरार।

जन्म जन्म का बंधन पाना, यादों को न बिसराओ।
तुम बिन मेरा जीवन कैसा, इक बार चले आओ।

श्याम मठपाल, उदयपुर

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