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भाई चारा टूट न पाए Quami Ekta Aur Bhaichare Ki Shayari In Hindi

भाईचारा और एकता बढ़ाने वाली शायरी | Ekta Aur Bhaichare Ki Shayari



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आपसी प्रेम शायरी | राष्ट्रीय एकता पर शायरी

गीत
सोच को अपनी ऊँचा कर लें।
मन दर्पन हम उजला कर लें।

झूठ से दामन पाक रखें हम।
चुग़ली बदी से दूर रहें हम।
छोड़ के हर इक काम बुरा अब।
दिल को अपने सच्चा कर लें।
मन दर्पन हम उजला कर लें।

भाई चारा टूट न पाए।
साथ हमारा छूट न पाए।
अम्न ओ अमां की ख़ातिर आओ।
ख़त्म चलो हर झगड़ा कर लें।
मन दर्पन हम उजला कर लें।

ग़ुर्बत ऐसे दूर करें हम।
काम से अपने काम रखें हम।
चर्चे हर सू हों बस अपने।
ख़ुद को इतना अच्छा कर लें।
मन दर्पन हम उजला कर लें।

सोच को अपनी ऊँचा कर लें।
मन दर्पन हम उजला कर लें।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद

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