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जिस दिन रिश्ते होंगे ध्वस्त : रिश्ते शायरी Rishtey Shayari

Rishtey Shayari in Hindi : रिश्तों पर शायरी इन हिंदी


Rishte Par Shayari : Rishtey Shayari in Hindi


Rishte Par Shayari : Rishtey Shayari in Hindi

रिश्ते
जिस दिन रिश्ते होंगे ध्वस्त।
उस दिन नदियाँ होंगी पस्त।।

जिस दिन तांडव होगा नग्न।
पूरा पृथ्वी ही होगा जलमग्न।।

रिश्ते होंगे जब सारे शर्मसार।
मानवता की हो जाएगी हार।।

ईर्ष्या द्वेष तब बढ़ेगा अपार।
भाईचारा होगा अंतरिक्ष पार।।

नहीं धन खरीदनेवाला होगा।
नहीं धन बटोरनेवाला होगा।।

नहीं खाने खिलानेवाला होगा।
विश्व प्राकृतिक निवाला होगा।।

नहीं आएगा काम तब विज्ञान।
तब याद आएँगै केवल भगवान।।

विद्वानों का चलना नहीं चारा।
मानवता जिस दिन यह हारा।।

मन से त्यागो मन का विकार।
आपसी बढ़ाओ भाईचारा प्यार।।

नारी से हो केवल चार ही नाता।
बहन बेटी दादी और संग माता।।

सब संग सरल सच्चा व्यवहार।
सच्चे जीवन का सच्चा आधार।।

जनसेवा है जिसको भी भाता।
खुश रहे सब पर नेक विधाता।।

मानवता जब जब भी हारा है।
विधाता ने तब तब संहारा है।।

मानव ने जब मानव अपनाया।
ईश ने दिया अवश्य ही छाया।।

सच्चे मन से भाईचारा अपनाएँ।
आपस में हम प्यार भी बढ़ाएँ।।

सच्चे मन से सच्चा सुख होगा।
सच्चा मानव सच्चा सुख भोगा।।

सच के सामने से मिथ्या हटेगा।
धर्म के सामने से अधर्म छँटेगा।।

हठधर्मिता जब हो जाएगा दूर।
ईश्वर की भी कृपा होगी जरूर।।

अरुण दिव्यांश 9504503560
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।

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