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रूठना मनाना शायरी | रूठे हुए प्यार को मनाने वाली शायरी Ruthna Manana Shayari

Ruthe Hue Pyar Ko Manane Wali Shayari | Ruthna Manana Shayari

सनम तेरे रूठने की अदाएं भी निराली हैं
चांद पर छा गई घटाएं काली काली हैं

Sanam Tere Ruthane Ki Adaen Bhi Nirali Hain
Chand Par Chha Gai Ghataen Kali Kali Hain
***

अगर रूठना होगा तुझसे तो इस तरह रूठ जाऊंगा
कि तेरे ख्वाब भी मेरी एक झलक को तरसेंगे

Agar Ruthana Hoga Tujhse To Is Tarah Ruth Jaoonga
Ki Tere Khwab Bhi Meri Ek Jhalak Ko Tarsenge
***

रूठे हुए प्यार को मनाने वाली शायरी

यूं ही रूठ जाने की आदत है
प्यार की अजब सी चाहत है
तमन्ना है मेरी कि तू खुश रहे
मेरा दिल तो आईना है इसे
अक्सर टूट जाने की आदत है

Yun Hi Ruth Jaane Ki Aadat Hai
Pyar Ki Ajab Si Chahat Hai
Tamanna Hai Meri Ki Khush Rahe Tu
Mera Dil To Aaina Hai Ise
Aksar Tut Jaane Ki Aadat Hai
***

रूठे हुए प्यार को मनाने के लिए शायरी
रूठे हुए प्यार को मानने की शायरी
Ruthe Hue Pyar Ko Manane Wali Shayari

रूठना मनाना शायरी | Ruthna Manana Shayari

रुलाना हंसाना और सताना सब जानते हैं
मगर जो सच्चा प्यार करते हैं वह तो बस
रूठे हुए प्यार को मनाना जानते हैं

Rulana Hasana aur Satana Sab Jante Hain
Magar Jo Saccha Pyar Karte Hain Vah To Bus
Ruthe Hue Pyar Ko Manana Jante Hain
***

Ruthna Manana Shayari

नाकाम हो गई तमाम कोशिशें तुझे मनाने की
सच बता कहां से सीखी है तूने ऐ सनम!
बड़ी दिलकश अदाएं तेरे रुठ जाने की

Nakam Ho Gai Tamam Koshish Tujhe Manane Ki
Sach Bata Kahan Se Sikhi Hai Tumne Aye Sanam
Badi Dilakash Hai Adaen Tere Ruth Jaane Ki
***

घुटन सी होने लगी है
तुमसे प्यार जताते हुए
मैं खुद से रूठने लगा हूँ
तुम्हे मनाते हुए

Ghutan Si Hone Lagi Hai
Tumse Pyar Jatate Hue
Main Khud Se Hi Ruthane Laga Hun
Tumhen Manate Hue
**

रूठना ज़रुरी है तो रूठो, लेकिन हम मनाएं कैसे?
लगा है लॉक डाउन पास तुम्हारे हम आएं कैसे?
मानो मेरी बात, हँस कर बोल दो प्यार से,
तुम जो कहोगी, वही करूँगा, दिल का दर्द दिखाऊँ कैसे?
उजड़े गुलशन को सजाया न गया
प्यार रूठा तो मनाया न गया

Ruthe Hue Pyar Ko Manane Ke Liye Shayari Ruthne Manane Ki Shayari

प्रीतम मनाया न गया
ग़ज़ल
उजड़ा उपवन उगाया न गया,
रूठा प्रीतम मनाया न गया।

बिखरे मोती जड़े जो मनके,
फिर से उनको मिलाया न गया।

गहरी सी नींद में लीन सदा,
सोयों को भी जगाया न गया।

ना जाने कौन था मार्गदर्शक,
मिथ्या रास्ता हटाया न गया।

झट से तोड़ी कमर ही उनकी,
उखड़ी जड़ को जमाया न गया।

छोड़ा दामन न ही बात कही,
यारों को भी बताया न गया।

मनसीरत ने कहा ठीक सदा,
उजड़े तल से बसाया न गया।

सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

रूठे हुए पति को मनाने की शायरी - पत्नी को मनाने के लिए शायरी

ग़ज़ल
रूठ कर बैठो न ऐसे, पास आकर गले लगा लो।
बाहों में भर लो मुझको और हसीं यह रात कर दो।।

आओ अभी तो कुछ हंसी की बात कर दो।
पल में सारे गमों दुखों को मात कर दो।।

किसके चेहरे पे रहता तबसुम सदा।
किसी के हवाले अभी सौगात कर दो।। 

जीत चाहते हो खेल में सदा अपनी।
मेहनत करने में तो दिन रात कर दो।।

कई लोंगों की ज़िन्दगी से दिल उड़ गये।
हालात तो खाने पिने पर घात कर दो।। 

पत्थर से भी पझर कर निकलता पानी।
कुदरत चाहे इन्सान को साथ कर दो।।

जानवरों को चारा चाहिए तो पानी।
चारों तरफ़ हरियाली का पात कर दो।।

 'शहज़ाद' खंजाने की चाबी उसके हाथ।
वो तो रात को दिन दिन को रात कर दो।।
मजीदबेग मुगल 'शहज़ाद'
हिगणघाट जि, वर्धा, महाराष्ट्र

रूठों ना कभी तांका जापानी विधा

 यही आरज़ू
साथ दो मुझे,
बनके परछाई
रूठों ना कभी,
संग चलो हमारे
जैसी वो रूत नई।
पथ ये न्यारा,
बनो तुम सहारा
लड़ जाऊं मैं,
आंधियों,तुफानों से
गर हो साथ तेरा।
तुम ही मेरे,
आंगन की खुशियां।
करूं श्रृंगार,
बिंदियां मैं सजाऊं
संग तेरे ही जिऊं।
ख्वाब अपने,
तुझमें देखती हूं।
बिठा लो मुझे,
पलकों में अपनी
प्रीत तेरी दिवानी।
टूटे ये सांस,
सिर्फ तेरी बाहों में।
यही आरज़ू,
मेरे इस दिल की
जाऊं मैं सिन्दूर में।
प्रा.गायकवाड विलास.
मिलिंद क.महा.लातूर.
9730661640.
 महाराष्ट्र

मुक्तक - तेरा रूठ जाना

छोड़कर अकेला हमें आप यूं न जाइए।
रह न पाएंगे बगैर मेरे अब लौट आइए।
रूठना मनाना लाजिमी हुजूर इश्क में ।
आइए मेरी बाहों मे मुझपे तरस खाइए।
श्याम कुंवर भारती

रूठना मनाना शायरी इन हिंदी | मुक्तक - तेरा रूठना

तुम रूठे सारी फिजां रूठ गई।
तेरी खामोशी हर हंसी रुक गई।
बेचैन दिल चैन कहीं पाता नहीं।
मान जाओ कायनात झुक गई।
श्याम कुंवर भारती

रोमांटिक रूठे प्यार को मनाने वाली शायरी - रूठे को मनाना शायरी

मुक्तक- तुम रुठो हक है मगर मान जाना प्रिये

तुम रुठो हक है मगर मान जाना प्रिये।
साथ ना छूटे दुर न कहीं जाना प्रिए।
तेरी हर हंसी पे दिलो जान है निसार।
तेरे बिना मै नहीं ये जान जाना प्रिये।
श्याम कुंवर भारती

रूठा है वो यार मेरा - रूठना शायरी

रूठा है वो यार मेरा
( मुक्तछंद काव्य रचना )
बहारों से पूछ लिया हमने यहां कितना,
सितारों से मांग लिया हमने तुम्हारा पता।
मेरे मेहबूब के दीदार में कुछ पल देकर तुम्हारें,
भर जाओ तुम इसी उदासी में सपने सुहाने सुंदर।

रूठा है वो यार मेरा यहां कबसे ,
उजड़ा है जहां मेरा उनके रूठ ने से।
बहारों तुम बरसाओं फूल मेरे मेहबूब पर,
इतनी आरज़ू हमारी सुनो टूटे हम दिल से।

ऐ हवाओं रूक जाओ जरा तुम भी,
तुफानों से रास्तां युं ना भर जाओ तुम।
गमों के तुफानों से भरी है जिंदगी हमारी,
उसी गमों में कैसे जियेंगे हम हरदम।


साथ कोई नहीं देता हमें यहां पर,
ढूंढ रही है दिशा दिशाओं में ये नज़र।
ऐ हवाओं जरा तुम ढूंढ लाओ मेरे रूठे साजन को,
ये रास्तां रास्तां सजाओं तुम,महकते फूलों से भरकर।

राही अकेला मैं,अपनी मंजिल को ढूंढ रहा हूं,
अश्क नयनों से बहाकर युंही हंस रहा हूं।
आती जाती हुई बहारों को देखकर बार-बार,
जिंदगी के पलों को मैं ऐॆसे ही गुज़ार रहा हूं।

बहारों से पूछ लिया हमने यहां कितना,
सितारों से मांग लिया हमने तुम्हारा पता।
मेरे मेहबूब के दीदार में कुछ पल देकर अपने,
भर जाओ तुम इसी उदासी में सपने सुहाने सुंदर।
प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद क.महा.लातूर
9730661640
महाराष्ट्र

आओ रूठों को मनाए हम - रूठे दोस्त को मनाना शायरी हिंदी

आओ रूठों को मनाए हम।
गिनती यारों की बढ़ाएं हम।
छोड़ के ये नफ़रत की बातें, 
कुछ गज़लें इश्क की गाएंं हम
दूरी बढे दूर यूँ  रहने पे,
यारो पास पास आ जाएंं हम।
चेहरे का नूर बढ़ाने लई,
इक दूजे को हंसाएं हम।
सब यारी में तो चलता है,
बातें दिल को ना लगाएं हम।
ये दर्द घटेगा अपना भी,
दर्द औरों का बटवाएं हम।
जो भी बोलें दिल से बोलें, 
राज़ नहीं कोई छुपाएं हम।
ये यार हसीन जो हैं हमारे,
ठुमके इनसे लगवाएं हम।
दारू खत्म हुई, मय लबरेज़, 
आखों वाली को बुलाएं हम।
एम एल गर्ग

मनाने वाली शायरी इमेज - Roothne Manane Ki Shayari Photo

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