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देखा क़रीब मुझको तो शरमाए देर तक : लव शायरी Love Shayari In Hindi Font

Dekha Kareeb Mujhko To Sharmaaye Der Tak Love Shayari In Hindi

ग़ज़ल
देखा क़रीब मुझको तो शरमाए देर तक।
शरमा के मन ही मन में वो मुस्काए देर तक।

उसने निगाह फेर ली क्या जाने किस लिए।
आँखों ने मेरी अश्क यूँ छलकाए देर तक।

अँगड़ाई ले रहे थे वो शीशे के सामने।
आया मिरा ख़याल तो लज्जाए देर तक।

मत पूछ मैंने कैसे गुज़ारी वो शामे ग़म।
जब दिल दुखा के मेरा वो इतराए देर तक।

पहले तो कह रहे थे के तन्हा रहेंगे हम।
फिर दूर जा के मुझसे वो झुँझलाए देर तक।

यह और बात है के वो ज़ाहिर न कर सके।
पर घर जला के मेरा वो पछताए देर तक।

मौसम ह़सीन लगने लगा हमको ऐ फ़राज़।
शानों पे उसने बाल जो लहराए देर तक।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश

सनम तुम छोड़ आए मयकदा क्या: मोहब्बत शायरी | Mohabbat Bhari Shayari

ग़ज़ल
तुम्हें भी आ गई ख़ुद पर ह़या क्या।
सनम तुम छोड़ आए मयकदा क्या।

बड़े खामौश बैठे हो हुआ क्या।
किसी से आपका भी दिल दुखा क्या।

तुम्हारे जैसे मैं भी दूँ दग़ा क्या।
मुह़ब्बत में ये जायज़ है भला क्या।

फ़क़त वहम ओ गुमां है ऐ अमीरो।
बिना तआ़लीम के होगी ज़िया क्या।

मज़ा आता तिरी क़ुर्बत में हमदम।
तिरी फुर्क़त में जीने का मज़ा क्या।

जिसे देखो गिराता है नज़र से।
मुह़ब्बत करना भी है अब ख़ता क्या।

उसे हम जानते पहचानते हैं।
करेगा वो अदा रस्म -ए - वफ़ा क्या।

नहीं करता कभी ग़म्माज़ियाँ भी।
फ़राज़ अब हो गया वो पारसा क्या।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़
मुरादाबाद
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