Dhalti Shaam Shayari : Saanjh Dhale Tu Ghar Ko Aana Lyrics in Hindi
ढलती शाम पर शायरी
गीत
सांझ ढले तू घर को आना
रवि पश्चिम की गोदी में,
पक्षी तरु की डाली में,
बच्चे मॉं की गोदी में,
प्रत्याशी सी डोली में--
सांझ ढले तू घर को आना।
जीवन गीत सुनाने को
आशा दीप जलाने को,
जगमग ज्योति जलाने को,
सपने सुखद सजाने को,
सॉंझ ढले तू घर को आना।
आशाओं का संबल लेकर
फूलों की मधु मुस्कान लेकर
बच्चों की निश्छता लेकर,
भौरों का मधु गुंजन लेकर---
सॉंझ ढले तू घर को आना।
(स्वरचित)
-------डॉ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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