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शाम उदास है : उदास शाम पर शायरी उदास शाम ग़ज़ल उदास शाम शायरी

Udaas Shaam Shayari Sham Udas Hai Ghazal Shayari Poetry Hindi

उदास कर देती है ये शाम
ऐसा लगता है…
जैसे कोई भूल रहा है धीरे-धीरे

Udaas Kar Deti Hai Yah Sham
Aisa Lagta Hai
Jaise Koi Bhul Raha Hai Dheere Dheere
***

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शाम उदास है : उदास शाम पर शायरी उदास शाम ग़ज़ल उदास शाम शायरी

आज शाम उदास है
आज शाम उदास है
मत थपथपाहट दो आरजू
ख़ामोश पर्दे, खींच दो छत्ते

झुकी पलकों की गहनता का
 भार मत उठा मेहरबां

आज शाम उदास है
गुमसुम बैठी थी तनहाइयां
डोली उठा लाई गहराइयां
मद पिये थे बेशुमार गम
स्नेह मत उंडेल मेहरबां

आज शाम उदास है
मत प्रकाश दो कल्पने
अहं अम्बर डाल दो,
मानस फैली शून्यता का,
अश्रु मत गिरामेहरबां।

आज शाम उदास है।
__डा०सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार

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