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नहीं मालूम दिल को शाद या बर्बाद करते हैं : सैड शायरी हिंदी

Sad Shayari In Hindi For Life : Dil Ko Shad Ya Barbad Karte Hain

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ग़मगीन ग़ज़ल शायरी हिंदी - शबनम मेहरोत्रा

गजल
नहीं मालूम दिल को शाद या बर्बाद करते हैं 
मगर ये सच है तुमको दिल से हरदम याद करते हैं 

बिछड़ना था लिखा तकदीर में तो कैसे हम मिलते
चलो तेरे गमों से दिल को हम आबाद करते हैं 

ज़माना सारे मतलब के यहाँ कोई नहीं अपना
समझ कर आप क्यों अपने को अब नाशाद करते हैं 

मुझे मालूम है हाकिम हमारा है बड़ा जालिम
मगर मजबूरियों में उससे हम फरियाद करते हैं 

दिलेरी आप की शबनम कहूँ तो ये नहीं कम होगा
जरूतत मंदो को जो आप कुछ इमदाद करते हैं 
शबनम मेहरोत्रा

उनसे बिछड़ कर मै पछता चुकी हूँ : सैड ग़ज़ल शायरी हिंदी

गजल (हिंदी)
इच्छा की मारी पिघलती नहीं हूँ
भावना की बाती सी जलती नहीं हूँ

उनसे बिछड़ कर मैं पछता चुकी हूँ
फिर से मैं निज हाथ मलती नहीं हूँ

उमर के ढलानों से अवरोह होकर
स्थिर हुई अब मैं फिसलती नहीं हूँ

हास्य रस की गीत न बहला सकेगें 
करुण रस से भी अब बदलती नहीं हूँ

शबनम के बदले तुहीन कण भी बोलो
किसी शब्द से अब बहलती नहीं हूँ
शबनम मेहरोत्रा

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