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जिंदगी का सच शायरी : ये जिंदगी है, कैसे समझ पाओगे इसे

Zindagi Ki Sacchai Shayari जिंदगी की सच्चाई शायरी

Zindagi Ki Sacchai Shayari जिंदगी की सच्चाई शायरी

Zindagi Ka Sach Shayari in Hindi

ये जिंदगी है
ये जिंदगी है, कैसे समझ पाओगे इसे,
पल-पल वो यहां पर रंग बदल देती है।
किसी पर होती है ऐसी मेहरबां वो,
के जैसे बागों में फूलों की बहार आती है।

ये जिंदगी है, कैसे समझ पाओगे इसे,
हर पल उसका हमारे लिए अनजाना है।
कभी कोई उसे समझ नहीं पाया इस संसार में,
उसी के संग संग चलने के सिवा हमारे हाथों में क्या है?

ये जिंदगी है, कैसे समझ पाओगे इसे,
कभी खुशियों के पल देकर वो हंसाती है।
फिर भी उसी जिंदगी के साथ समझोता करके,
कल की आशाएं हमें नई उम्मीद दिखाती है।

ये जिंदगी है, कैसे समझ पाओगे इसे,
उधार की सांसें देकर पल-पल वो हम पर हंसती है।
क्या कहूं ये जिंदगी तुझे, कितने रंग है तुम्हारे यहां,
देखो जीने के लिए यहां सभी कितने परेशान है।

ये जिंदगी है, जैसे कोई हवा का झोंका,
और पलभर में यहां वही रूत बदल जाती है।
किसी के आंगन में होती है, सदा खुशियों की बहार,
तो किसी के लिए ये जिंदगी जैसे गमों की सौगात है।

प्रा.गायकवाड विलास
मिलिंद महाविद्यालय लातूर
9730661640
महाराष्ट्र

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