अकेलेपन की शायरी : Sad Ghazal In Hindi वीरान दिल शायरी
वीरान दिल शायरी : अकेलेपन की शायरी Sad Shayari in Hindi
ग़ज़ल
वीरान दिल में दर्द की
शमा जलती है,
टूटे खंडहर में पीर की
आवाज उठती है।
जिस्म की हर खिड़की पर
झलकती थी आस कभी,
मेहराव पर चमकती थी
उमंगों की किरण,
बेनूर हो गई, मेरी
जाने ग़ज़ल।
कशमश के जाल में
फंसी मेरी रुह अब,
रात आई ही नहीं
खामोशी छा गई-----
वक्त आया ही नहीं
कहर ढल गई,
कटती नहीं यह उम्रयाना,
गुज़ारिश के चंद लम्हें
भटकते परछाईं में---
वीरान दिल में दर्द की
शमा जलती है,
टूटे खंडहर में पीर की
आवाज उठती है।
______डॉ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार
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