चढ़ती जवानी शायरी Chadti Jawani Shayari - Quotes On Jawani
Jawani Shayari Hindi | जवानी पर शायरी इन हिंदी
बच जाए जवानी में ये दिल तेरी अदा से
महफ़ूज़ रहे दिल ये मोहब्बत की बला से
बिन तेरे चैन कहाँ जाने वफ़ा मिलता है?
तुझसे मिलकर ही जवानी का मज़ा मिलता है।
वाह! क्या ख़ूब ये जवानी है
प्यार की दिख रही निशानी है
जवानी अदाएँ सिखाती हैं क्या क्या?
मोहब्बत में फ़ित्ने उठाती हैं क्या क्या?
इक हसीना नाज़ से आई है बलखाई हुई
ख़ूब है उसकी जवानी जोश पर आई हुई
इश्क़ मुझ से करेगी तू कब तक,
बात फिर आ गई जवानी तक।
हर घड़ी दिल को मेरे ये ग़म है,
तेरी चाहत के लिए एक जवानी कम है।
नींद आई न रात भर मुझको,
हाए क्या चीज़ है जवानी भी।
ताक़त नहीं कि तुझ से कोई बात कर सकूं,
जा उसके घर से मेरी जवानी उठा के ला।
आग भरी है ज़माने की आँखों में,
ख़ुदा करे कि जवानी रहे बेदाग़ तेरी।
जो मज़े लेना है ले ले, आज दुनिया तेरी है,
बाद में पछताएगा कि ये जवानी फिर कहाँ।
Shayari On Jawani In Hindi - Quotes On Jawani
चढ़ती हुई जवानी।
दीवाने संग दीवानी।
जवानी की उड़ान है,
कामना का उफान है।
ख़ूबसूरत जवानी शायरी - Khubsurat Jawani Shayari
मनहरण - घनाक्षरी
नीर में आग लगे
झील में है शीत पानी,
चढ़ती हुई जवानी।
दीवाने संग दीवानी,
प्रेमिल की आस हैं।।
नीर में भी आग लगे,
सोये स्वप्न भी हैं जगे।
तन बदन जलता,
खास बैठे पास है।।
दिल धड़कने लगा,
मन मचलने लगा।
सांस बहकने लगी,
अंग अंग प्यास है।।
घर से बहुत दूरी,
प्यार बना मजबूरी।
हनीमून की उमंग,
गजब आभास है।।
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
गरमा गरम जवानी शायरी - Jawani Shayari In Hindi
मनहरण घनाक्षरी
प्रेम - रंग
डलहीज के शिकारे,
बैठे प्रीत के सितारे।
मदहोश मस्त लीन,
चढ़ी प्रेम भंग है।।
झील दरमियान में,
घिरे नेह के तूफ़ां में।
रसपान को आतुर,
हनीमून रंग है।।
जवानी की उड़ान है,
कामना का उफान है।
अंग है तने हुए से,
जीवंत उमंग है।।
दुनियादारी से परे,
यौवन से भरे भरे।
अजब सा छाया नशा,
मन मे तरंग है।।
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
जवानी पर शायरी स्टेटस लड़ी है नज़र जब जवानी रही है Jawani Shayari In Hindi
लड़ी है नज़र जब जवानी रही है,
बुढ़ापे तलक ये कहानी रही है ।
अरे इस क़दर मत बनो प्राण प्यारे,
जवानी में सब की कहानी रही है ।
ख़बर ही ख़बर है यूँ' अखबार में तो,
हक़ीक़त मगर मूंह-ज़ुबानी रही है ।
मिली थी सुहाने सफर में कभी वो,
मेरे दिल में बनके रवानी रही है ।
हुई है वो बेबह्र ग़ज़लों में लेकिन,
ख़यालों में तो रात रानी रही है ।
रचनाकार नित्यानन्द
पाण्डेय 'मधुर'
साबरमती अहमदाबाद
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