जवानी दीवानी ग़ज़ल शायरी | Jawani Diwani Ghazal Shayari
तेरी जवानी बड़ी मस्त मस्त है
बुढ़वा दीवाना तेरा पस्त पस्त है
Jawani Shayari Hindi | जवानी पर शायरी इन हिंदी फॉर गर्लफ्रेंड
दीगर वज़्न-व-बह्र के अरकान के तहत जदीद-व-मुन्फरिद ग़ज़ल
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एक लड़की, दिवानी हो गयी है!
कैसी?,उसकी जवानी हो गयी है!
गाँव की गोरी की अल्हड़ जवानी!
इक छलकती जवानी हो गयी है!!
धान के खेत से आई निकल कर!
ये चुनरिया भी धानी हो गयी है!!
ये जवाँ हो गयी है, दोस्तो!, अब,
मस्त, इस की जवानी हो गयी है!
ये हसीँ हो गयी है, फ़ज़्ले-रब से!
मस्त, इस की जवानी हो गयी है!!
क्यों?, मुझे देख कर, ये मेरी दिलबर,
शर्म से पानी- पानी हो गयी है!!
यारो!," अंगूर की बेटी ", सुना है!
मैं ने, के/ कि, सयानी हो गयी है!!
बेटी की शादी की चिंता उसे है!!
उस की बेटी, सयानी हो गयी है!!
आदमी और ख़ुदा की ये मुहब्बत,
दोस्तो!," जाविदानी " हो गयी है!!
पहले तो एक शहज़ादी थी" सीता "!
" राम " की, अब " दिवानी" हो गयी है
है " अलिफ़-लैल्वी " ये दास्ताँ तो,
इक पुरानी कहानी हो गयी है!
क़हक़हे गूँजते ही जा रहे हैं--------!
" बज़्म " भी " ज़ाफ़रानी "हो गयी है!
फिर " अलामत " के चंगुल से है निकली!
फिर " ग़ज़ल ", " दास्तानी " हो गयी है!
लख्नवी लब-व-लहजा से ग़ज़ल फिर
लखनऊ की जवानी हो गयी है-----!!
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इस त़वील ग़ज़ल के दीगरशेर-व-सुख़न फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
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रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी,
डाक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी बिल्डिंग्, ख़दीजा नरसिंग,राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!
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