रोमांटिक ग़ज़ल शायरी नयी रंगीन हसीन महीन नमकीन हसीनाओं के लिए
काॅलेजों के मंचले नौजवानों के लिए
नयी, रंगीन, हसीन, महीन, नमकीन, ग़ज़ल
---------------
है ये उर्दू की गुल्फ़िशानी भी!
इस में हिन्दी की है कहानी भी!
है ज़रूरी " शोला-बयानी " भी!
अपनी " इस्पीच " हो तुफ़ानी भी!
रात की रानी भी, जवानी भी!!
पढ़!, मिलन की नयी कहानी भी!
है भली सी मेरी कहानी भी!!
ये नयी भी है और पुरानी भी!!
रात भी, हुस्न भी, जवानी भी!!!
बन रही है, नयी कहानी भी!!
दो सौ बीमारों की है बात अभी!
दो अनारों की है कहानी भी!!
यारो!, लड़की पढी-लिखी हो, और
चाहिये उस का रंग धानी भी!!
चाहिए लड़की भी शरीफ़, सजल!
चाहिए लड़का ख़ानदानी भी!!
हुस्न पर अब शबाब आया है!!
उस पे और आ गयी जवानी भी!!
हुस्न तो आलम-ए-शबाब में है!!
और उभर आई है, जवानी भी!!
आज शर्म-व-लेहाज़ से फिर से!
हो गयी लड़की, पानी-पानी भी!!
फिर शराबोर है पसीने से-------!
हो गया फिर वो, पानी-पानी भी!!
आप की जिस दोशीज़ा पर है नज़र,
ख़ूबसूरत भी है, सयानी भी------!
यारो!, वह रात-दिन कमाती है!!
डोमनी है वो मेहतरानी भी---------!
तू बनायेगा अपनी पत्नी जिसे!!
लड़की है बहरी और कानी भी!!
तुम अकड़ते हो क्यों जवानी में!?!
ज़िन्दगी तो है आनी -जानी भी!!
ऐ मेरे यारो!, जीने के लिए तो!
है ज़रूरी हवा भी, पानी भी!!
यारो!, बे-रोज़गारी में अब तो!
हम को याद आ गयी नानी भी!!
---------------------
नोट :- इस त़वील ग़ज़ल के दीगर शेर-व-सुखनआइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
-----------------
रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी, डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी बिल्डिंग्, ख़दीजा नरसिंग, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया!
वही रोमांटिक शायरी ग़ज़ल और फिर वही दिल लाया हूँ!
--------------------
ले के आ जाओ, मेरी ख़ातिर तुम!
सब चलेगी, फटी - पुरानी भी!!
बैठेंगे हम, उसे बिछा कर, यार!
लाओ चादर, फटी- पुरानी भी!!
देखो!, सानी जमाल-ए-यूसुफ़ भी/ तुम!
यारो!, देखो " ज़रीना-सानी " भी!!
यार!, मध्धम हुआ है हुस्न/रूप मेरा,
ढल रही है, तेरी जवानी भी--------!
छोड़िए उस की बात कीजिये मत!!
बात वो, हो गयी पुरानी भी--------!
गाँव/ शह्र के मौलवी-व-पंडित जी!!
सहल/ आसाँ है दावतें उड़ानी भी!!
ये कवि " रामदास " लिखता है!
इश्क और वस्ल की कहानी भी!!
---------------------
नोट :- इस त़वील ग़ज़ल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
___________
रामदास प्रेमी इन्सान प्रेमनगरी,
डाक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी बिल्डिंग्, ख़दीजा नरसिंग, राँची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, राँची, झारखण्ड, इन्डिया
0 Comments